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रुपयों की बर्बादी! शक्कर परियोजना में शामिल गांवों में भी डेम बनाने की तैयारी

- डब्ल्यूआरडी के गाडरवाड़ा जलाशय के कमांड में भी गाडरवाड़ा, सिमरिया मुलतानी, जुंगावानी और हिरी शामिल
- बड़ी परियोजना के कमांड में आने के बाद भी गाडरवाड़ा जलाशय के लिए सर्वे और निर्माण की प्रक्रिया जारी
- किसानों ने उठाए सवाल
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सरकारी विभागों में समन्वय की कमी के चलते फिजूलखर्ची कैसे हो सकती है इसका एक बड़ा नमूना सामने आया है। अमरवाड़ा के गाडरवाड़ा में डेम बनाने की तैयारी चल रही है। गाडरवाड़ा सहित 3 गांवों के लोग डेम की जरूरत न बताते हुए विरोध कर रहे हैं। बावजूद इसके निर्माण चालू करने जोर लगाया जा रहा है। जबकि डेम बनाकर जिन गांवों को सिंचित करने का मंसूबा है, वे शक्कर नदी पर बन रही नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की शक्कर परियोजना में शामिल हैं। करीब 45 सौ करोड़ की उक्त परियोजना से अमरवाड़ा के 92 गांवों की कृषि भूमि सिंचित होना है। जिसमें 6 करोड़ से ज्यादा की लागत से प्रस्तावित गाडरवाड़ा डेम की कमांड में आ रहे चार गांव गाडरवाड़ा, सिमरिया मुलतानी, हिर्री और जुंगावानी भी शामिल हैं। यानी डेम और परियोजना में ओवरलैपिंग की स्थिति बन रही है।
परियोजना से अमरवाड़ा की 31 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी नरसिंहपुर जिले के करेली के पास नयाखेड़ा में बन रही शक्कर परियोजना से कुल 15 हजार हेक्टेयर में सिंचाई प्रस्तावित है। जिसमें करीब 64 हजार हेक्टेयर भूमि नरसिंहपुर के गाडरवाड़ा की तो 31 हजार हेक्टेयर भूमि छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा क्षेत्र की शामिल हैं। गाडरवाड़ा जलाशय का कुल प्रस्तावित सिंचाई का रकबा अमरवाड़ा के गाडरवाड़ा में प्रस्तावित जल संसाधन विभाग के डेम की कुल वाटर स्टोरेज क्षमता 0.65 एमसीएम होगी। इतने पानी से कुल 108 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो सकेगी। जबकि निर्माण में 4 करोड़ से अधिक खर्च होंगे।
इसके अलावा भू-अर्जन में करीब सवा दो करोड़ रुपए खर्च होने हैं। डूब में आ रहे आदिवासी किसान लगातार विरोध कर रहे गाडरवाड़ा जलाशय के निर्माण से गाडरवाड़ा, हिर्री और जिल्हेरी के किसान प्रभावित हो रहे हैं। अधिकांश 2 से 4 एकड़ तक के छोटे रकबे वाले किसान हैं। जो जलाशय बनने से पूरी तरह से बर्बाद होने की स्थिति में हैं।किसान कलेक्टर से लेकर जनप्रतिनिधियों तक जलाशय न बनाने की गुहार लगा चुके हैं। जबकि अब प्रोजेक्ट ओवरलैपिंग की स्थिति में आ गया है।
किसानों का सवाल
जब शक्कर परियोजना से पानी आ रहा तो डेम क्यों बना रहे अमरवाड़ा के गाडरवाड़ा में डेम बनने से प्रभावित हो रहे 100 से ज्यादा किसान एक स्वर में विरोध कर रहे हैं। सरपंच जयप्रसाद धुर्वे, गरीबदास मालवी, रामभरोस इवनाती, दयाचंद धुर्वे, घनश्याम सहित अन्य का कहना है कि जब शक्कर परियोजना से पाइप के जरिए पानी उनके गांवों में आना है तो फिर डेम बनाकर पैसा क्यों बर्बाद किया जा रहा। वे पहले ही कह रहे हैं कि उन्हें डेम की आवश्यकता नहीं है। उनका कहना है कि डेम निरस्त कर जहां जरूरत हो वहां निर्माण कराया जाना चाहिए।
इनका कहना है
शक्कर परियोजना से छिंदवाड़ा जिले के करीब ९२ गांवों की ३० हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होना है। परियोजना में ठेका प्रक्रिया पूरी होने के साथ सर्वे कार्य शुरू हो गया है। - अंकुर शर्मा, ईई, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, नरसिंहपुर
शक्कर परियोजना में अमरवाड़ा के कौन से गांव आ रहे हैं, यह वेरीफाई करा रहे हैं। एनवीडीए के ईई से इसकी जानकारी लेकर वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। - कुमकुम पटेल, ईई, जल संसाधन विभाग, छिंदवाड़ा
Created On :   2 Aug 2023 10:46 PM IST