मूसलाधार बारिश से धान की फसल तबाह

मूसलाधार बारिश से धान की फसल तबाह
तालाब में तब्दील हुए खेत

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। दो दिन से जिलेभर में जारी मूसलाधार बारिश और भंडारा जिले के गोसीखुर्द बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण जिले की वैनगंगा नदी का जलस्तर तीव्र गति से बढ़ने लगा है। ऐसे में नदी किनारे के खेत तालाब में तब्दील हो जाने से धान की फसलों की भारी तबाही हो रही है। फलस्वरूप किसान फिर संकट में दिखायी दे रहे है।

यहां बता दें कि, समूचे विदर्भ में गड़चिरोली की पहचान धान उत्पादक जिले के रूप में है। खरीफ सत्र में स्थानीय किसान अपने खेतों में बड़े पैमाने पर धान की फसल उगाते हंै। जिले में सिंचाई की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होने से प्रकृति पर निर्भर रहते हंै। लेकिन पिछले चार वर्षों से किसी न किसी कारणों से किसानों की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान होता आ रहा है। इस वर्ष खरीफ सत्र की शुरूआती दौर में कम वर्षा के चलते बुआई कार्य लंबित पड़े थे। जिस समय पर्याप्त बारिश हुई, उस दौरान किसानों ने बुआई का कार्य पूर्ण किया। मात्र रोपाई कार्य के दौरान ही दस दिन पूर्व जिले में हुई अितवृष्टि से किसानों की फसलें तहस-नहस हो गयी थीं। इस स्थिति से उबरते हुए किसानों ने रोपाई कार्य पूर्ण किया। लेकिन दो दिनों से जारी मूसलाधार बारिश के कारण इस मेहनत पर भी पानी फिरने लगा है।

वर्तमान में जारी मूसलाधार बारिश के कारण भंडारा जिले का गोसीखुर्द प्रकल्प पूरी तरह लबालब होने से इस प्रकल्प का पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू है। यह प्रकल्प वैनगंगा नदी पर ही बनाए जाने से जिले की वैनगंगा नदी का जलस्तर अब तीव्र गति से बढ़ने लगा है। लगातार बढ़ रहें जलस्तर के कारण अब नदी तट पर बसे खेतों में जलजमाव की स्थिति बनने लगी है। जिन खेतों में रोपाई के कार्य पूर्ण किये गये थे, ऐसे ही खेत अब पूरी तरह तालाब में तब्दील फसल फिर तबाह होते दिख रही है। नुकसान से उबरने के लिए तत्काल पंचनामा कर संबंधित किसानों को मुआवजा देने की मांग की जा रहीं है।

Created On :   29 July 2023 10:09 AM GMT

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