आक्रोश: बोर्ड हटाने पर नाराज ग्रामीणों ने कहा जिस गांव में महापुरुषों का मान-सम्मान नहीं, वहां नहीं रहना

बोर्ड हटाने पर नाराज ग्रामीणों ने कहा जिस गांव में महापुरुषों का मान-सम्मान नहीं, वहां नहीं रहना
  • पुलिस छावनी में तब्दील हुआ समूचा गांव
  • पुनर्वास कर प्रशासन पर कार्रवाई करने की उठी मांग

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। चामोर्शी तहसील के कुनघाड़ा (रै.) से समीपस्थ नवरगांव में ग्राम पंचायत प्रशासन के साथ तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने पहुंचकर बौद्ध बंंधुओं द्वारा बस स्थानक चौक में लगाए गये डा. बाबासाहब आंबेडकर चौक के फलक को निकालने से गांव में तनावपूर्ण माहौल निर्माण हो गया । इस बीच गांव के बौद्ध समाज के लोगों ने जिस गांव में महापुरुषों का सम्मान नहीं किया जाता, ऐसे गांव में अब नहीं रहने का फैसला लेते हुए गांव छोड़ दिया है। कुल 54 परिवारों ने सुबह 11 बजे ही गांव छोड़ दिया। स्थिति को देख स्थानीय प्रशासन के साथ पुलिस विभाग के आला-अधिकारियों ने गांव पहुंचकर नागरिकों को समझाने का प्रयास किया। गांव के कुछ समाज बंधुअों के साथ सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने गड़चिरोली में एक पत्र परिषद का आयोजन कर गांव छोड़ने वाले लोगों का अन्यत्र पुनर्वसन करने के अलावा फलक और नीले झंडे को तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है।

इस संदर्भ में नवरगांव की उपसरपंच कविता वनिकर और सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि, 21 नवंबर 2022 को नवरगांव ग्रापं में ग्रामसभा का आयोजन किया गया था। इस ग्रामसभा में गांव के बस स्थानक परिसर में डा. बाबासाहब आंबेडकर के नाम से एक फलक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया। पारित प्रस्ताव के अनुसार गांव के बौद्ध समाज बंधुआंे ने कार्यक्रम का आयोजन कर डा. आंबेडकर का फलक नियोजित स्थान पर लगाया। लेकिन इसी फलक के कारण गांव के अन्य समाज के लोगों और बौद्ध बंधुओं में विवाद निर्माण होने लगे। इस बीच 10 नवंबर 2023 को ग्रापं प्रशासन ने एक नोटिस जारी करते हुए संबंधित फलक को हटाने की सूचना जारी की। इस नोटिस पर बौद्ध बंधुओं ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

न्यायालय ने 22 दिसंबर तक इस मामले को स्टे दिया था लेकिन इसी बीच गुरुवार 21 दिसंबर को ग्रापं के सरपंच, अन्य सदस्यों के साथ तहसील कार्यालय के अधिकारियों ने गांव में पहुंचकर सुबह 9 बजे डा. अांबेडकर चौक का फलक निकाल दिया। साथ ही पंचशील और नीले झंडे भी फाड़ दिये। स्थिति को देखते हुए प्रशासन द्वारा पुलिस सुरक्षा गांव में मुहैया करायी गयी। लेकिन इसी दौरान बौध्द समाज के लोगों ने डा. बाबासाहब आंबेडकर का अपमान होने का आरोप लगाते हुए गांव छोड़ने का निर्णय लिया। समाज के एक के बाद एक ऐसे कुल 54 परिवारों ने गांव से पलायन कर लिया। पत्र परिषद के माध्यम से पदाधिकारियों ने कार्रवाई करने की मांग की है। पत्र परिषद में अखिल भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रोहिदास राऊत, बहुजन रिपब्लिकन सोशालिस्ट पार्टी के राज बंसोड, भारतीय बौध्द महासभा के हंसराज उंदिरवाडे, संविधान फाउंंडेशन के गौतम डांगे, मुवमेंट फॉर जस्टिस की नीता सहारे, बौद्ध समाज संगठन के पुरुषोत्तम रामटेके, अरविंद वालके, तुलाराम राऊत, पुनम भैसारे, प्रतिक डांगे, नरेंद्र रायपुरे, विजय देवतले, ज्योति उंदिरवाडे, नवरगांव के कविश्वर झाडे, उपसरपंच कविता वनिकर आदि उपस्थित थे।

Created On :   22 Dec 2023 7:41 AM GMT

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