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Gadchiroli News: जर्जर सड़क ने रोकी भविष्य की राह : कीचड़ में फंसी बस, जंगल में घंटों अटके रहे विद्यार्थी

- जंगल में विद्यार्थियों को कई घंटों तक रुकना पड़ा
- अन्य बस पहुंचने के बाद यात्रियों को अपने गंतव्य तक छोड़ा
Gadchiroli News राज्य परिवहन निगम ने अहेरी व गड़चिरोली बस डिपो में नई बसें उपलब्ध कराई हैं। दोनों डिपो में नई बसों का संचालन नियमित रूप से किया जा रहा है। बुधवार को अहेरी तहसील के अडेंगे-नेंडेर मार्ग पर वांगेतुरी से अहेरी की ओर विद्यार्थियों व आम यात्रियों को ले जा रही बस सड़क के कीचड़ में पूरी तरह फंस गयी। वाहन चालक के प्रयास के बाद भी यह बस गड्ढे से निकल नहीं पायी जिससे विद्यार्थियों और आम यात्रियों को कई घंटों तक जंगल परिसर में ही रुकना पड़ा।
जानकारी के अनुसार, शालेय विद्यार्थियों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने मानव विकास मिशन के तहत अहेरी व गड़चिरोली डिपो में दर्जनों की संख्या में बसें उपलब्ध करायी है। इन बसों की मदद से विद्यार्थी हर दिन मुफ्त यात्रा कर रहे हैं। लेकिन इस यात्रा में जिले की जर्जर सड़कें अब बाधाएं निर्माण कर रहीं हैं। हर दिन की तरह बुधवार को भी तहसील के वांगेतुरी गांव से विद्यार्थियों व अन्य यात्रियों को सवार कर रापनि की बस क्रमांक एम. एच. 14 एल. एक्स. 5635 अहेरी की ओर रवाना हुई लेकिन अडेंगे से नेंडेर गांव के बीच यह बस सड़क के कीचड़ में फंस गयी। जिस स्थान पर यह बस फंसी, वहां घना जंगल था। उसी जंगल में विद्यार्थियों को कई घंटों तक रुकना पड़ा। अन्य बस पहुंचने के बाद विद्यार्थियों व यात्रियों को अपने गंतव्य तक छोड़ा गया। इस बीच स्कूल का समय बीत जाने से विद्यार्थी अपने स्कूल पहुंच नहीं पाये। इस मामले में भाकपा के जिला सहसचिव सचिन मोतकुरवार ने जर्जर सड़कों पर तत्काल मरम्मत का कार्य कर बसों के संचालन में निर्माण हो रहीं रूकावट को दूर करने की मांग की है। ऐसा न करने पर तीव्र आंदोलन करने की चेतावनी भी उन्होंने दी है।
मुफ्त शिक्षा की राह में जर्जर सड़कें बनीं रोड़ा : यह बसें राज्य सरकार द्वारा मानव विकास मिशन के तहत चलायी जा रही हैं, ताकि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शिक्षा के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा मिल सके। अहेरी और गड़चिरोली डिपो में हाल ही में इन पुरानी जर्जर बसों को हटाकर नई बसें दी गई हैं। लेकिन सड़कों की हालत ने इन नई बसों को भी पुराने हालात में धकेल दिया है।
स्कूल नहीं पहुंच सके बच्चे : घटना के बाद दूसरे वाहन को भेजा गया, तब जाकर विद्यार्थियों और यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया गया। लेकिन तब तक स्कूल का समय निकल चुका था। बच्चों में नाराजगी थी। यह कोई पहली घटना नहीं थी इससे पहले भी इन सड़कों पर बसों के फंसने की खबरें आती रही हैं। लेकिन इस बार बच्चों का भविष्य खुद कीचड़ में सिसकता नजर आया।
आखिर कब सुधरेंगी सड़कें : गड़चिरोली जैसे संवेदनशील जिले में जहां बच्चों को शिक्षा की ओर प्रेरित करने में हर कदम चुनौतीपूर्ण है, वहां ऐसी घटनाएं शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। नई बसें देना सराहनीय कदम है, लेकिन अगर सड़कें ही भरोसेमंद नहीं होंगी, तो यह प्रयास अधूरा रह जाएगा।
Created On :   4 Sept 2025 3:46 PM IST