Gondia News: गोंदिया के टाइगर रिजर्व का विस्तार होने से नहीं मिल रहा चारा

गोंदिया के टाइगर रिजर्व का विस्तार होने से नहीं मिल रहा चारा
चराने की जगह नहीं मिलने से किसानों ने धीरे-धीरे पशु पालना बंद किया

Gondia News नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व का विस्तार होने से जंगलांे से सटे अनेक गांव बफर जोन क्षेत्र में आ गए हंै। जंगल बफर जोन में चले जाने से पशुधनों को चराने की जगह नहीं मिल रही है। जिस वजह से बफर जोन क्षेत्र में आने वाले गांवांे के किसानों ने धीरे-धीरे पशु धन पालना बंद कर दिया है। अब पशुधनों की संख्या इतनी कम हो गई है की किसानों का आर्थिक बजट गड़बड़ा गया है।

बता दंे की नवेगांव-नागझिरा टाइगर रिजर्व का विस्तारीकरण किए जाने से गोरेेगांव तहसील के 26 से अधिक गांव बफर जोन क्षेत्र में चले गए हैं। जिसमें गोरेगांव वन परिक्षेत्र के सोदलागोंदी, जांभुलपानी, गराडा, पिंडकेपार, रामाटोला, मलपुरी, बोडुंदा, आलेबेदर, आसलपाानी, निंबा, हलबीटोला, तिल्ली, पलखेडा, मुरदोली, तेलनखेडी, घुमर्रा, पालेवाडा, मुंडीपार, हिरापुर, बागडबंध, धानुटोला, लंेडेझरी, गिरोला आदि ग्रामों का समावेश है। जिस वजह से पशुधनांे को चराने के लिए जगह कम पड़ रही है। इतना ही नहीं तो बाघ, तंेदुए जैसे हिंसक प्राणियांे द्वारा पशुधनांे का शिकार किया जाता है। जिस वजह से किसान पशुधन पालने की बजाए बेच रहे हैं। यही एक वजह है की तेजी से पशुधनों की संख्या में कमी आई है। जबकि पशुधनांे से किसानों की आर्थिक उन्नति होने में मदद मिल रही थी। लेकिन चराने के लिए जगह कम होने से अब वे पशुधन को पालने में हिचकिचा रहे हैं। जिससे किसानों का आर्थिक बजट भी गड़बड़ा गया है।

तहसील में मात्र 29 हजार पशु : पशुधन विकास विभाग की ओर से हर 5 वर्षो में पशुधनांे की गिनती की जाती है। गोरेगांव तहसील मंे वर्तमान में गौवंश की संख्या 24 हजार 883 तथा भैंसांे की संख्या 4 हजार 328 है। तहसील में 29 हजार 211 पशुधनांे की संख्या है। लेकिन 5 वर्ष पूर्व नजर दौड़ाई जाए तो गौवंश की संख्या 34 हजार 249 व भैसांे की संख्या 5 हजार 575 थी। हर 5 वर्ष मंे पशुधनांे का सर्वे कर गिनती की जाती है। - डॉ.के.एन.भांेडे, पशुधन विकास अधिकारी, पंस गोरेगांव


Created On :   27 Nov 2025 4:25 PM IST

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