जबलपुर: खमरिया में बने नए प्लांट को देखने पहुँचे आर्मी हेडक्वार्टर के जीओसी

  • स्वीडन के लेड एजाइड पाउडर की ऐसी ताकत
  • एक चुटकी और बड़े-बड़े विस्फोट की जिम्मेदारी
  • ओएफके में तैयार होने वाले तकरीबन हर एक बम में इसका उपयोग है।

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। लेड एजाइड… ऐसा पाउडर, जिसकी महज 20 से 30 मिग्रा मात्रा हर बड़े से बड़े विस्फोट के लिए जिम्मेदार होती है। इस पाउडर की अहमियत इसलिए भी और बढ़ जाती है, क्योंकि हर किसी बम में इसका इस्तेमाल किया जाता है।

आर्मी हेडक्वाॅर्टर, मध्य भारत एरिया के जेओसी लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत ने ओएफके पहुँचकर इसी सेक्शन का जायजा लिया और इससे तैयार होने वाले बमों की जानकारी ली।

आयुध निर्माणी खमरिया के कर्मचारियों में सबसे विध्वंसक एक्सप्लोसिव के रूप में लेड एजाइड जाना जाता है।

जानकारों का कहना है कि लेड एजाइड को स्वीडन से इम्पोर्ट किया जाता है। ओएफके में तैयार होने वाले तकरीबन हर एक बम में इसका उपयोग है।

विस्फोट की पूरी प्रोसेस इसी से

कोई भी बम अलग-अलग हिस्सों से बना होता है। प्राइमर कहे जाने वाले शुरुआती हिस्से में ट्रिगर हिट करने पर इसी हिस्से में विस्फोट की प्रक्रिया प्रारंभ होती है। हाई एक्सप्लोसिव लेड एजाइट तेज ऊष्मा के साथ विस्फोट की प्रोसेस को बम के मुख्य हिस्से सेल को ट्रांसफर कर देता है।

आत्मनिर्भरता पर फोकस

निरीक्षण के दौरान श्री शेखावत सेक्शन ए-8 में भी पहुँचे। बाद में उन्होंने ए-3, ए-8 (स्मार्ट उत्पादन शॉप), एफ-1 एवं एफ-5 का जायजा लिया। उन्होंने अपग्रेडेशन और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में किए गए कार्यों की सराहना की।

इस दौरान मुख्य महाप्रबंधक एमएन हालदार, महाप्रबंधकगण आरके गुप्ता, एसएस सलाठिया, आरकेपी सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

Created On :   10 April 2024 12:23 PM GMT

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