Jabalpur News: प्राकृतिक खेती अपनाएं...धरती, पानी, पर्यावरण जन और पशु स्वास्थ्य को बचाएं- आचार्य देवव्रत

प्राकृतिक खेती अपनाएं...धरती, पानी, पर्यावरण जन और पशु स्वास्थ्य को बचाएं- आचार्य देवव्रत
  • सीएम ने कहा- प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने सरकार बनाएगी योजना
  • प्राकृतिक खेती पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के प्रयासों से हुआ ऐतिहासिक चौपाल का आयोजन, गुजरात के राज्यपाल हुए शामिल

Jabalpur News: गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा- धरती, पानी, गाय, पर्यावरण, जन और पशु स्वास्थ्य को बचाना है तो प्राकृतिक खेती को अपनाना होगा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के आह्वान पर मानस भवन में एक चौपाल "प्राकृतिक खेती के नाम" ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ जिसमें मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, विशिष्ट अतिथि किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री एदल सिंह कंसाना एवं जबलपुर के सभी जनप्रतिनिधि शामिल हुए।

सभागार की कुर्सियां भरने के बाद जमीन पर बैठकर और सभागार के बाहर लगी लाइव स्क्रीन पर बड़ी संख्या में किसानों ने कार्यक्रम को देखा और चौपाल में सहभागिता की।

जिन बीमारियों का नाम नहीं सुना, आज उनसे बच्चे ग्रसित

खेती में रसायनों, यूरिया, कीटनाशक आदि का प्रयोग किया जा रहा है। फल-सब्जियों, दूध आदि के जरिए इस मीठे जहर का असर लोगों की सेहत को चौपट कर रहा है। 60 वर्ष पहले तक हार्ट अटैक, मधुमेह, किडनी फेल, घुटना प्रत्यारोपण जैसी बीमारी के बारे में नहीं सुना था, पर अब छोटे-छोटे बच्चे जो किसी प्रकार का नशा भी नहीं करते, उन्हें इन बीमारियों ने घेर लिया है जो अब मृत्यु का कारण भी बन रही है।


इसका कारण हमारा खान-पान है। भारत सरकार वर्तमान में यूरिया और डीएपी सब्सिडी पर सालाना 1.25 लाख करोड़ रुपए खर्च करती है और भारत के लगभग 83 प्रतिशत किसान कम जमीन वाले हैं, जो उत्पादन की अतिरिक्त लागत भी वहन नहीं कर सकते।

फसलों के उपार्जन के लिए मंडियों में होगी दो तरह की व्यवस्था

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्राकृतिक खेती के नाम एक चौपाल कार्यक्रम को अद्भुत व प्रेरणादायी बताकर कहा कि प्राकृतिक खेती का विचार रासायनिक खेती के दुष्परिणामों के बाद आ रहा है। भारतीय ज्ञान के प्रति बढ़ते रुझान को देखते हुए गौ-पालन के लिए गौशालाएं बनाई जा रही हैं, जिसके उत्पाद से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कृषि मंत्री से कहा कि प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए योजना बनाएं, वे निश्चित रूप से इसे लागू करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती और रासायनिक खेती से उत्पादित फसलों के उपार्जन के लिए मंडियों में दो तरह की व्यवस्था बनाने की घोषणा की, ताकि उत्पादित फसलों के उपभोग में कठिनाई न आए।

किसानों ने सुनाए अनुभव

चौपाल कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती करने वाले विनय सिंह, तारा सिंह बेल, राकेश पहाडिय़ा, धनंजय काछी एवं डॉ. लोकेंद्र यादव द्वारा प्राकृतिक खेती के लाभ से जुड़े अनुभव को साझा किया गया। कार्यक्रम में राज्य सभा सांसद सुमित्रा बाल्मीक, सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी, डॉ. अभिलाष पांडे, संतोष बरकड़े, नीरज सिंह, जिपं अध्यक्ष आशा मुकेश गोंटिया, भाजपा नगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटेल, ननि अध्यक्ष रिकुंज विज मंचासीन थे।

कार्यक्रम का संचालन पूर्व ग्रामीण अध्यक्ष सुभाष तिवारी एवं आभार ग्रामीण जिला अध्यक्ष राजकुमार पटेल ने व्यक्त किया। इस दौरान कृषि विवि कुलगुरु पीके मिश्रा, रादुविवि कुलगुरु राजेश कुमार वर्मा, किसान संघ के भरत पटेल, नंदनी मरावी, विनोद गोंटिया, नीलेश अवस्थी, शिव पटेल, पंकज दुबे, रजनीश यादव आदि मौजूद रहे।

विभाग नहीं फिर भी कार्यक्रम के लिए प्रयास


राज्यपाल ने बतौर मुख्य वक्ता कहा-जबलपुर के किसानों के बीच आने का जो अवसर मुझे मिला है इसके लिए मप्र के लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह का आभार व्यक्त करता हूं, क्योंकि कृषि जैसा विभाग इनके पास नहीं है। इसके बाद भी गुजरात प्रवास के दौरान प्राकृतिक खेती पर इन्होंने घंटों बात की और लगातार संपर्क कर कहा कि प्रकृति और जीवन को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती पर कार्यक्रम जबलपुर में करना है उनकी इसी सोच के कारण आपके बीच प्राकृतिक खेती पर बात करने आया हूं।

प्राकृतिक खेती का उल्लेख हमारे ग्रंथों में मिलता है

लोक निर्माण मंत्री श्री सिंह ने कहा- हमारा देश हमेशा सुजलाम सुफलाम रहा है। पंच महाभूतों के महत्व को हमारे ऋषि-मुनि और पूर्वज जानते थे। हजारों वर्षों पूर्व के ग्रंथों में हमारी कृषि परंपरा का उल्लेख मिलता है। उन्होंने कहा- हम जिस तरह अन्न, फल या अन्य कृषि उत्पादों का उपभोग कर रहे हैं वह किसी भी तरह से हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी नहीं है।

हमारे प्रधानमंत्री को किसानों की बहुत चिंता है। अगर सब मिलकर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने जनजागरण करेंगे, तो देश के लिए और आने वाली पीढिय़ों के लिए रास्ता निकलेगा। कार्यक्रम को कृषि मंत्री ने भी संबोधित किया।

Created On :   27 Jun 2025 2:51 PM IST

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