Jabalpur News: यूनिपोल ने ली पति की जान, कैंसर से तड़प रही पत्नी, पांच महीने बाद भी नहीं मिला मुआवजा

यूनिपोल ने ली पति की जान, कैंसर से तड़प रही पत्नी, पांच महीने बाद भी नहीं मिला मुआवजा
  • सिविल लाइन्स हादसा: पुलिस ने एजेन्सी संचालक पर नहीं दर्ज किया प्रकरण
  • कैंसर से भी खतरनाक साबित हो रही निगम की व्यवस्था
  • कैंसर पीड़ित पत्नी दर्द से तड़प रही है, लेकिन उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।

Jabalpur News: सिविल लाइन्स स्थित वुड स्टॉक अपार्टमेंट में रहने वाला रजक परिवार 18 जनवरी 2025 के उस मनहूस दिन को अभी तक नहीं भुला पा रहा है, जब इलाहाबाद बैंक चौक पर यूनिपोल पर फ्लेक्स लगाते समय रॉड गिरने से 64 वर्षीय किशन कुमार रजक की मौत हो गई थी। उनकी पेंशन से ही परिवार का गुजारा और कैंसर पीड़ित पत्नी का इलाज होता था। इस घटना के पांच महीने बीत चुके हैं, लेकिन नगर निगम ने उन्हें मुआवजा नहीं दिया है। अब कैंसर पीड़ित पत्नी दर्द से तड़प रही है, लेकिन उनका इलाज नहीं हो पा रहा है।

62 वर्षीय कस्तूरी देवी का कहना है कि उनके पति की मौत के बाद उनकी पूरी दुनिया ही लुट गई है। उनके दो बेटे विजय आनंद रजक और जय आनंद रजक प्राइवेट जॉब में हैं। उनके पति ही अपनी पेंशन से उनका कैंसर का इलाज कराने के साथ परिवार का गुजारा कर रहे थे। पति की मौत के बाद उनकी पेंशन आधी हो गई है। इससे मुश्किल से परिवार का गुजारा हो रहा है। अब उनके पास इतने पैसे भी नहीं हैं कि कैंसर का इलाज करा सकें।

अब वे रोज कैंसर के दर्द से तड़प रही हैं। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से नगर निगम को मुआवजा के लिए नोटिस भी भेजा था, लेकिन नगर निगम की व्यवस्था कैंसर से भी खतरनाक है। पांच महीने बाद नगर निगम ने उनके नोटिस का जवाब तक नहीं दिया है।

नगर निगम की लापरवाही से हुई मौत

मृतक के भाई दीपचंद रजक का कहना है कि उनके भाई की मौत नगर निगम की लापरवाही से हुई है। नगर निगम ने इलाहाबाद बैंक चौक सिविल लाइन्स में मप्र आउटडोर विज्ञापन मीडिया नियम-2017 का उल्लंघन करते हुए सड़क के किनारे यूनिपोल लगवा दिया, जबकि नियमों के अनुसार सड़क से 10 फीट दूर यूनिपोल लगाना चाहिए था।

इतना ही नहीं नगर निगम ने यूनिपोल के नीचे नागरिकों के बैठने के लिए कुर्सी भी लगवा दी। दुर्घटना के वक्त उनके भाई नगर निगम की कुर्सी पर ही बैठे थे। यूनिपोल लगाते समय उनके भाई के ऊपर रॉड आकर गिरी, जिससे उनकी मौत हो गई। नगर निगम को इसके लिए मुआवजा देना चाहिए।

50 हजार देकर मुुंह बंद कराने का प्रयास

सर्पदंश से होने वाली मौत के लिए राज्य सरकार 4 लाख रुपए मुआवजा देती है। साधारण तरीके से मौत होने पर राज्य सरकार संबल योजना के तहत 2 लाख रुपए देती है। हैरान करने वाली बात यह है कि मृतक किशन कुमार रजक के परिवार को रेडक्रॉस सोसायटी से केवल 50 हजार रुपए की मदद मिली है। मृतक की पत्नी कस्तूरी देवी का कहना है कि उनके पति की मौत नगर निगम की लापरवाही के कारण हुई, इसलिए उन्हें कानून के अनुसार मुआवजा मिलना चाहिए।

यूनिपोल एजेन्सी संचालक पर नहीं दर्ज किया प्रकरण

बताया गया है कि यूनिपोल लगाते समय रॉड गिरने से हुई किशन कुमार रजक की मौत के मामले में सिविल लाइन्स पुलिस ने हाथीताल निवासी ठेकेदार रमेश ठाकरे पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। पुलिस ने यूनिपोल एजेन्सी के संचालक पर प्रकरण दर्ज नहीं किया।

चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने ठेकेदार से यह भी पता लगाने का प्रयास नहीं किया कि वह किस यूनिपोल एजेन्सी का फ्लेक्स लगा रहा था। पुलिस इस मामले में दो महीने तक जांच का दिखावा करती रही। जब चालान पेश हुआ तो पता चला कि पुलिस ने यूनिपोल एजेन्सी संचालक को मामले से बचा लिया है।

Created On :   24 May 2025 1:21 PM IST

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