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Jabalpur News: उच्च शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन से विद्यार्थी परेशान

- बीएससी-बीकॉम वालों को नहीं मिल रहा एमए में दाखिला
- उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही एडमिशन होंगे।
- उच्च शिक्षा विभाग का ई-प्रवेश पोर्टल उन्हें चॉइस फिलिंग नहीं दे रहा है।
Jabalpur News: कॉलेजों में एडमिशन का दौर जारी है, लेकिन छात्र-छात्राएं इस बार परेशान नजर आ रहे हैं। उनकी परेशानी की वजह है उच्च शिक्षा विभाग की नई गाइडलाइन, जिसके मुताबिक इस वर्ष से बीएससी-बीकॉम वालों को एमए में दाखिला नहीं मिल पाएगा। हजारों विद्यार्थी परेशान हैं क्योंकि उच्च शिक्षा विभाग का ई-प्रवेश पोर्टल उन्हें चॉइस फिलिंग नहीं दे रहा है।
सरकारी कॉलेज से बीएससी पूरा कर एमए इन इंग्लिश लिटरेचर करना चाह रहे कुछ छात्र जब एक निजी कॉलेज पहुंचे तो पता चला कि वे इसके लिए अपात्र हैं। उन्हें कहा गया कि एमएससी में प्रवेश ले सकते हैं लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। कॉलेजों में एडमिशन की नई गाइडलाइन में बीकॉम व बीएससी के छात्रों को एमए व बीए के छात्रों को एमएसडब्ल्यू में एडमिशन नहीं दिए जाने की पॉलिसी का छात्रों पर बुरा असर पड़ रहा है। इसे लेकर छात्र-छात्राओं में आक्रोश व्याप्त है।
असमंजस में हजारों छात्र-छात्राएं
इसी साल यूजी थर्ड ईयर पास हुए छात्र विनोद पटेल ने कॉलेज में एडमिशन लेने का अपना निर्णय बदल दिया है, उन्हें मर्जी का विषय नहीं मिल रहा है। वहीं 84 प्रतिशत लेकर बीकॉम पास हुई कौशकी को इस साल एमए इंगलिश लिटरेचर में एडमिशन लेना था, लेकिन नई एडमिशन गाइडलाइन में बीकॉम की छात्रा की एमए में एडमिशन की पात्रता ही खत्म कर दी गई है। ऐसे छात्रों को सिर्फ एमकॉम का विकल्प मिल रहा है। इसी तरह बीए पास आउट कृति मिश्रा को एमएसडब्ल्यू में एडमिशन लेना था, नई गाइडलाइन में वह भी अपात्र हो गईं।
मर्जी से नहीं चुन सकेंगे स्पेशलाइजेशन
एमए में कुल 26 स्पेशलाइजेशन हैं। एमएससी में भी 18 हैं। लेकिन अब छात्र इन्हें मर्जी से नहीं चुन सकेंगे। एमए के स्पेशलाइजेशन - एमए इन हिस्ट्री, हिंदी, अंग्रेजी, इकोनॉमिक्स, पॉलिटिकल साइंस, सोशल साइंस, सोशियोलॉजी, जियोग्राफी सहित अन्य।
एमएससी के स्पेशलाइजेशन| एमएससी इन माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, कम्प्यूटर साइंस, बॉटनी, मैथ्स सहित अन्य।
ये है नई गाइडलाइन, जो बनी परेशानी
नए नियम के अनुसार छात्रों ने यूजी (बीकॉम, बीए व बीएससी) में जो सब्जेक्ट मेजर-माइनर में चुने हैं, उन्हीं में वे एमए (स्पेशलाइजेशन) कर सकेंगे। बीएससी के छात्रों को भी इसी नियम से प्रवेश मिलेगा। बीकॉम में छात्र ने जो सब्जेक्ट पढ़े हैं, उन्हीं विषयों को उन्हें एमकॉम में भी पढ़ना होगा। अब तक जो नियम था, उसके अनुसार बीए पास कोई भी छात्र एमए के किसी भी स्पेशलाइजेशन में एडमिशन ले सकता था।
चॉइस फिलिंग में नहीं दिया छात्रों को कोई मौका| नए नियम में पहले स्पष्ट कहा गया था कि 2021 से पहले जिन छात्रों ने ग्रेजुएशन में प्रवेश लिया, उन्हें परेशानी नहीं होगी। यानी ओल्ड एजुकेशन पॉलिसी के छात्र एमए, एमएससी या एमकॉम के किसी भी स्पेशलाइजेशन में प्रवेश ले सकेंगे।
जब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हुई तो इन छात्रों को भी अपात्र कर दिया गया। चॉइस फिलिंग के दौरान इन छात्रों को एमए या एमएसडब्ल्यू का विकल्प ही नहीं दिया गया।
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही एडमिशन होंगे। पीजी की सीटें खाली रहने की आशंका नहीं है। सभी को नए नियमों से अवगत कराया जा रहा है।
- प्रो. पंजाबराव चंदेलकर, क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा
Created On :   20 Jun 2025 6:40 PM IST