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Jabalpur News: सेमेस्टर प्रणाली में पुनर्मूल्यांकन की सुविधा न होने से छात्र परेशान
- प्राध्यापक संघ ने राज्यपाल को लिखा पत्र
- वर्तमान में प्रदेश के सभी कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में सेमेस्टर प्रणाली लागू है।
- पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं होने से वे उचित अंक प्राप्त करने वंचित रह गए।
Jabalpur News: कॉलेजों की परीक्षाओं के मूल्यांकन कार्य में हो रही लापरवाही का खामियाजा छात्र-छात्राओं को भोगना पड़ता है । उच्च शिक्षण संस्थानों में पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं होने के कारण हर साल हजारों छात्र मानसिक तनाव झेलते हैं। वर्तमान में संचालित सेमेस्टर प्रणाली में केवल पुनर्गणना की सुविधा उपलब्ध है, जिससे छात्रों को उनकी उत्तरपुस्तिकाओं के पुनः मूल्यांकन का अवसर नहीं मिल पाता, इसलिए सेमेस्टर प्रणाली में पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था पुनः लागू करने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ ने राज्यपाल को पत्र लिखा है।
वर्तमान में प्रदेश के सभी कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेस में सेमेस्टर प्रणाली लागू है। प्राध्यापक संघ के संभागीय अध्यक्ष डॉ. अरुण शुक्ल ने बताया कि मूल्यांकन में लापरवाही के कई उदाहरण सामने आए हैं।
अंतिम सेमेस्टर के कई छात्रों ने सूचना के अधिकार के तहत अपनी उत्तरपुस्तिकाएं प्राप्त कर विश्वविद्यालयों और न्यायालयों के सामने लापरवाही पूर्ण मूल्यांकन की शिकायतें दर्ज कराई हैं। कई मामलों में छात्रों की आपत्तियां सही पाई गईं, लेकिन पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था नहीं होने से वे उचित अंक प्राप्त करने वंचित रह गए।
योग्य छात्रों का नुकसान....
प्राध्यापक संघ का कहना है कि आगामी सत्र से स्नातक परीक्षाओं में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू की जा रही है, जिससे ऐसे प्रकरणों में वृद्धि की संभावना है। केवल पुनर्मूल्यांकन में अधिक समय लगने और परिणामों में विलंब होने के आधार पर छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार अंक से वंचित रखना न्यायोचित नहीं है, इसलिए, प्राध्यापक संघ ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि छात्रहित में पुनर्मूल्यांकन की व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें।
यह कदम छात्रों के शैक्षणिक भविष्य को सुरक्षित करने और मूल्यांकन कार्य में होने वाली लापरवाही पर विराम लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
Created On :   5 May 2025 4:56 PM IST