Jabalpur News: जिस ब्रिज से गुजरती थी ट्रेन, क्या वह आदमी का वजन नहीं सह पाता

जिस ब्रिज से गुजरती थी ट्रेन, क्या वह आदमी का वजन नहीं सह पाता
  • जमतरा ब्रिज: अस्तित्व मिटाने पर उठे सवाल, ग्रामीणों ने कहा-जनप्रतिनिधि चाहें तो अब भी बचा सकते हैं पुल
  • एसईसीआर द्वारा इस पुल को सुरक्षित न मानते हुए जर्जर घोषित कर दिया गया है।
  • जानकारों के अनुसार जमतरा पुल वर्ष 1927 में लोकार्पित हुआ था

Jabalpur News: जमतरा रेलवे ब्रिज ऐसे मटेरियल व तकनीकी से बना था कि उसमें जंग नहीं लगती थी। वर्षों तक इसने साथ निभाया। भारी-भरकम ट्रेन इससे धड़धड़ाती हुई गुजर जाती थी, तो क्या बाइक सवार या पैदल आदमी इससे नहीं निकल सकता..? यह सवाल जमतरा, खिरहनी व आसपास के गांवों में रह रहे सैकड़ों लोगों के मन में कौंध रहा है। लोगों का कहना है कि जर्जर बताकर 98 साल पुराने इस ऐतिहासिक ब्रिज को तोड़ा जा रहा है।

जबकि कई लोग इसे देखने पहुंचते थे। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि चाहें तो दक्षिण पूर्व मध्य रेल (एसईसीआर) जोन व रेल मंत्रालय से चर्चा कर इसे बचा सकते हैं। इसके लिए जनप्रतिनिधियों को दबाव बनाने की जरूरत है। इस पुल को काफी कम राशि से मरम्मत कर बचाया जा सकता है, जिससे कई गांवों के लोगों को पैदल आवागमन का सुगम रास्ता मिल सकता है।

जानकारों के अनुसार जमतरा पुल वर्ष 1927 में लोकार्पित हुआ था, तभी से इस पुल से ट्रेन के पहिए गुजर रहे थे। पिछले 12-13 वर्ष से इस पुल से ट्रेन का संचालन बंद हो गया, तो इसके आसपास रहने वाले ग्रामीण इस पुल का उपयोग आवागमन के लिए करते आ रहे थे। अभी भी जबलपुर आने के लिए बड़ी संख्या में इस पुल का उपयोग हो रहा था।

सरकार को अपने अधीन लेना चाहिए पुल

आसपास रहने वाले ग्रामीण गौरीशंकर यादव, राममिलन बर्मन, मुन्नालाल बर्मन, खुशीलाल सहित अन्य का कहना है कि इस पुल को सरकार को अपने अधीन लेकर इसका सुधार कराना चाहिए, ताकि इसके अस्तित्व को बचाते हुए इसे आवागमन के अनुरूप बनाया जा सके।

अभी भी उपयोग के लायक है ब्रिज

पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर भी सोमवार को ग्रामीणों के बीच पहुंचे। इस दौरान लोगों से चर्चा की और बताया कि पुल दोपहिया वाहन व ग्रामीणों के आवागमन के लिए दुरुस्त है, इसे बचाया जाना चाहिए। वहीं यहां काम कर रहे लोगों का भी मानना है कि इसकी बेस चादर को काटना आसान नहीं हो रहा है।

टूट रहा 98 साल पुराना नाता

बताया गया है कि एसईसीआर द्वारा इस पुल को सुरक्षित न मानते हुए जर्जर घोषित कर दिया गया है। इस पुल को लोगों के आवागमन के लिए तो काफी पहले ही बंद कर दिया गया था। इस पुल को नीलाम करने के बाद अब इसको नष्ट करने का दौर भी शुरू हो गया है, जिसके चलते पुल पर बने ट्रैक को तो उखाड़ दिया गया, अब इसके नीचे बेस में लगी चादर को काटा जा रहा है और उसे भी आधे से ज्यादा काटकर अलग कर दिया गया है। लोग इससे दु:खी हैं। उनका कहना है कि पुल से उनका आत्मीय लगाव हो गया था, इसे नष्ट किया जा रहा है।

Created On :   10 Jun 2025 4:57 PM IST

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