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Jabalpur News: कई घोड़ों के पैरों में मिले घाव, जांच करने भोपाल से पहुंची टीम

- एक्सपर्ट की टीम कर रही जांच, अब तक 44 की रिपोर्ट आई निगेटिव
- मेनका गांधी के हस्तक्षेप से सामने आया मामला
- पुणे से भी एक विशेषज्ञ चिकित्सक को बुलाया गया, 9 की जांच रिपोर्ट आना बाकी
Jabalpur News: पनागर के रैपुरा गांव में रेस कोर्स के लिए हैदराबाद से खरीदकर लाए गए घोड़ों का मामला अब भोपाल तक पहंुच गया है। वहां से चिकित्सकों का एक दल शुक्रवार को पहुंचा और मौके पर जाकर घोड़ों की जांच की गई। इसके साथ ही पुणे से एक विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं भी ली जा रही हैं। इस बीच उन घाेड़ों पर खास नजर रखी जा रही है जिनकी ग्लैंडर्स रिपोर्ट अभी नहीं आ पाई है। बताया जाता है कि सांसद और पूर्व मंत्री मेनका गांधी के हस्तक्षेप के बाद यह मामला सामने आया था वरना और भी घोड़ों की मौत हो सकती थी।
गुरुवार को जानकारी सामने आई थी कि रैपुरा में सचिन तिवारी नामक व्यक्ति ने हैदराबाद से 57 घोड़े खरीदे थे। उसकी तैयारी थी कि रैपुरा में रेस कोर्स खोलकर घोड़ों की दौड़ के जरिए कमाई की जाए। इस बीच घोड़ों ने दम तोड़ना शुरू कर दिया तो वह घबरा गया। एक के बाद एक घोड़े मरते गए जिससे उसने वेटरनरी कॉलेज और जिला प्रशासन से सम्पर्क किया।
हालांकि कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि प्रशासन ने पशु पालन विभाग की मदद से मामले को पहले ही पकड़ लिया था और घोड़ों की जांच शुरू कर दी गई थी। बताया जाता है कि शुक्रवार को भोपाल से 3 चिकित्सकों का एक दल भी यहां पहुंचा और घोड़ों की जांच की गई। इसके साथ ही पुणे के प्रसिद्ध पशु चिकित्सक अनिल लहाणे भी पहुंचे और जांच की।
ग्लैंडर्स बीमारी की आशंका
इस मामले में जानकारों का कहना है कि घोड़ों में ग्लैंडर्स नामक जानलेवा बीमारी होती है और यहां भी उसी की आशंका थी लेकिन अभी तक 44 घोड़ों की रिपोर्ट निगेटिव आई है जिससे उम्मीद है कि इस बीमारी से घोड़ों की मृत्यु नहीं हुई है। बचे हुए 9 घोड़ों की भी रिपोर्ट जल्द आ जाएगी जिससे यह साफ हो जाएगा कि घातक बीमारी ने घोड़ों की जान नहीं ली। इस पर जब चिकित्सकों से पूछा गया कि यदि उक्त बीमारी से घोड़े नहीं मरे तो फिर आखिर उन्हें हुआ क्या था।
इस पर चिकित्सकों का कहना है कि अभी जांच चल रही है जल्द ही खुलासा होगा। चिकित्सकों का कहना है कि घोड़ों में सामान्यत: ग्लैंडर्स, सर्रा, टिटनेस, इन्फ्लूएंजा बीमारियां होती हैं। घोड़ों के शरीर में गांठें नजर आएं, मुंह से खून निकल रहा हो और सांस लेने में परेशानी हो तो यह बीमारी हो सकती है। ग्लैंडर्स एक संक्रामक रोग है जो कि जीवाणु के कारण होता है।
घोड़ों को लगातार उपचार दिया जा रहा है। अभी तक कोई भी गंभीर बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है। केवल 9 घोड़ों की रिपोर्ट आना बाकी है। इसके बाद भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। भोपाल के दल ने भी जांच की और पुणे के विशेषज्ञ चिकित्सक की सेवाएं भी ली जा रही हैं। स्थानीय चिकित्सकों का दल घोड़ों का उपचार कर रहा है।
- डॉ. प्रफुल्ल मून, डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग
कीमती होते हैं रेस के घोड़े, करोड़ों का है मामला
रैपुरा में सचिन तिवारी ने बड़ी जमीन पर घुड़साल बनाई है, घोड़ों की कीमत ही लाखों में होती है और रेस के घोड़े तो वैसे भी बेहद कीमती होते हैं। ऐसे में यह मामला करोड़ों से जुड़ा हुआ है। यहां शेड लगाकर घोड़ों को रखा गया है।
चिकित्सकों का कहना है कि ऐसा भी नहीं कि घोड़ों को खाने की दिक्कत हो क्योंकि यहां भरपूर मात्रा में चारा और अन्य अनाज है जो कि घोड़ों को खिलाया जाता है। हालांकि देखने पर घोड़ों की हालत बेहद दयनीय नजर आती है और ऐसा लगता है जैसे उन्हें ठीक से चारा नहीं खिलाया गया।
दावा- एक की मौत तो गलत इंजेक्शन लगाने से हुई
19 मई को एक एनजीओ का प्रतिनिधि निहाल साद दो अन्य लोगों के साथ डेयरी पहुंचा और मेनका गांधी के निर्देशों का हवाला देते हुए इलाज की बात कही। फिर निहाल और सचिन में टकराव हो गया।
सचिन का आरोप है कि निहाल के डॉक्टर ने एक बीमार घोड़े को गलत दवा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। फिर बदनाम करने के लिए वीडियो बनाकर वायरल किया। हालांकि, सवाल यह है कि जब गलत डोज देकर घोड़ा मारा तो सचिन ने निहाल के खिलाफ पुलिस में केस क्यों नहीं किया?
Created On :   24 May 2025 2:17 PM IST