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Latur News: मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद किसान को बैंक ने थमाया नोटिस, आक्रामक भूमिका में मनसे
- एक बार फिर बैंकों की मनमानी का मामला सामने आया
- किसानों को नोटिस भेजने का सिलसिला थम नहीं रहा
- बैंक ने कर्ज वसूली का नोटिस भेजा
Latur News. ज़िले के औसा तहसील में एक बार फिर बैंकों की मनमानी का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद बैंकों का किसानों को नोटिस भेजने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ताज़ा मामला औसा तहसील के वरवडा गांव के किसान विशाल करंडे का है, जिन्हें बैंक ने कर्ज वसूली का नोटिस भेजा है। अतिवृष्टि से तबाह किसानों के सामने अब बैंक की नोटिस ने नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस साल मराठवाड़ा के लातूर ज़िले में भारी बारिश के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं। औसा तहसील इस आपदा का सबसे बड़ा शिकार बनी। राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने स्वयं दौरा कर किसानों को आश्वासन दिया था कि किसी भी किसान पर बैंक वसूली का दबाव नहीं बनाया जाएगा, लेकिन इन वादों के बावजूद वरवडा गांव के किसान विशाल करंडे को बैंक की ओर से नोटिस भेजे जाने से किसानों में भारी आक्रोश फैल गया है। विशाल करंडे ने कहा, “जब फसल ही नहीं बची, घर चलाना भी मुश्किल हो गया है, ऐसे में नोटिस भेजना जख्म पर नमक छिड़कने जैसा है।”
मनसे का बैंकों के खिलाफ आक्रामक रुख
जैसे ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को इस मामले की जानकारी मिली, ज़िलाध्यक्ष शिवकुमार नागराळे ने तुरंत मोर्चा संभाला। उन्होंने किसान विशाल करंडे के साथ बैंक पहुंचकर संबंधित अधिकारी से सवाल किए। अधिकारी के टालमटोल भरे जवाब से नाराज़ होकर मनसे कार्यकर्ताओं ने बैंक में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति बिगड़ती देख बैंक अधिकारी वहां से निकल गए। इस दौरान ग्रामीणों और किसानों में भी गुस्से की लहर फैल गई। मनसे ने आरोप लगाया कि बैंक मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आदेशों की खुली अवहेलना कर रही हैं।
शिवकुमार नागराले ने कहा, “अतिवृष्टि से किसानों का सब कुछ बर्बाद हो गया है। उनके पास न फसल है, न पैसा, फिर वे कर्ज कैसे चुकाएँगे? सरकार राहत की बात कर रही है और बैंक नोटिस भेज रही हैं, यह किसानों का अपमान है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह मनमानी नहीं रुकी, तो मनसे सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेगी।
किसानों में गुस्सा और निराशा
- इस घटना के बाद लातूर ज़िले में किसानों में भारी नाराज़गी है। उनका कहना है कि सरकार केवल आश्वासन दे रही है, जबकि ज़मीनी स्तर पर बैंकों की मनमानी जारी है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के आदेशों का पालन न होना प्रशासनिक तंत्र की निष्क्रियता को उजागर करता है।
- मनसे ने सरकार से मांग की है कि किसानों को नोटिस भेजने वाली बैंकों की तत्काल जांच की जाए और दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को तात्कालिक आर्थिक सहायता देने की भी मांग की गई है।
- अगर सरकार ने जल्द कदम नहीं उठाया, तो मनसे ने राज्यभर में बैंक विरोधी आंदोलन की चेतावनी दी है। यह मामला साफ दिखाता है कि एक ओर सरकार किसानों को राहत देने की बातें कर रही है, जबकि दूसरी ओर बैंकों की मनमानी से वही किसान दोहरी मार झेल रहे हैं। एक तरफ प्रकृति और दूसरी मार व्यवस्था की।
Created On :   8 Oct 2025 8:05 PM IST