Latur News: लातूर जिले में लंपी का प्रकोप , किसानों के 118 पशुओं की मौत

  • किसानों पर दोहरा संकट
  • जिला प्रशासन की उदासीनता

Latur News जिले के किसान अपने पशुओं के लंपी बीमारी की चपेट में आने से चिंता में घिर गए हैं। बीमारी के चलते किसानों को दोहरे संकट का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ बारिश ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी दूसरी तरफ किसान के पशुओं को लंपी ने घेरा हुआ है। अब तक 17 अक्टूबर वसुबारस के दिन के आंकड़े अनुसार लातूर जिले में किसानों के 118 पशुओं की मौत हुई है। बावजूद इसके जिला प्रशासन अलर्ट नहीं दिखाई दे रहा है। ऐसा जिले में किसानों ने सवाल उठाया है।

किसान ने बताई आपनी दास्तां : इस बारे में अधिकतर जानकारी यह है कि चाकूर तहसील के शिवणखेड बु. मे लंपी रोग इलाज के दौरान किसान प्रकाश आलापुरे के बैल की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि मेरी 1 लाख 20 हजार की बैल जोड़ी थी। मेरी जमीन जुताई से बुवाई तक की मेहनत इन पर निर्भर थी। एक तरफ बारिश का कर और फसलों का नुकसान और इसमें मेरे बैल की लंपी के कारण मौत यह सब मुझे झेलना पड़ रहा है। सही समय पर इलाज होता तो मेरा बैल लंपी का शिकार नहीं होता। तो दूसरी तरफ घरणी के किसान विठ्ठल पल्ले का गाय का बछड़ा लंपी से प्रभावित हुआ है। र इन्हें बार बार पशु वैद्यकीय डाॅक्टर बाहर से दवाई मंगवाने को कह रहे हैं। इस से किसान परेशान हैं।

किसान अविनाश रणदीवे लातूर तहसील के नागझरीके किसान की भैस पशु वैद्यकीय डाॅक्टर की अनदेखी से 17 अक्टूबर के दिन शाम 5:00 बजे मौत हुई है। इस बारे में जिला पशु संवर्धन उप आयुक्त श्रीधर शिंदे से 17 अक्टूबर के दिन मुलाकात करने पर उन्होंने बताया कि लातूर जिले में लंपी स्किन रोग का प्रकोप जारी 972 पशु अब भी संक्रमित 118 की मौत हुई है। लातूर जिले में पिछले तीन महीनों से गोवंश में लंपी स्किन लंपी चर्मरोग का प्रकोप लगातार जारी है। यह विषाणुजन्य रोग होने के कारण इसका शत-प्रतिशत प्रभावी इलाज उपलब्ध नहीं है। लेकिन पशु चिकित्सकों और प्रशासन की ओर से लगातार नियंत्रण और उपचार कार्य किए जा रहे है। ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार,लातूर जिले में अब तक 3,568 मवेशी इस बीमारी से संक्रमित हुए हैं। इनमें से 2,478 मवेशी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 118 मवेशियों की मृत्यु हो गई है। वर्तमान में 972 सक्रिय मामले जिले में हैं।

लंपी रोग की तहसीलवार स्थिति : तहसील-वार स्थिति में लातूर तहसील में 16 अहमदपुर 19 उदगीर 7 चाकूर 14 जलकोट 7 निलंगा 11 देवकी 5 शिरूर आनंदपाल 8 रेणापूर 11 और सबसे अधिक औसा में 20 पशुओं की मौत हुई है। ऐसे कुल मिलाकर जिले में अब तक इस दो महा में 118 पशुओं की मौत हुई है। तो 972 पशुओं की जाच चल रही है। जिले में सबसे अधिक संक्रमण अहमदपुर तहसील में पाया गया है। जहाँ 721 मवेशी संक्रमित हुए है। लातूर (458) और औसा 466 प्रभावित गंभीर रूप से प्रभावित है। उदगीर तहसील में मृत्यु दर 4.8 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक है। जिले की औसत मृत्यु दर 3.3 प्रतिशत दर्ज की गई है। क्या इस लंपी रोग थाम को रोकने के लिए औषधीय उपलब्ध नहीं है क्या? जो किसानों को चिट्ठी के जरिये पशु वैद्यकी अधिकारी अन्य तरफ से औषध लेकर आने की बात कर रहे हैं।

पशुपालकों के लिए प्रशासन ने दिया संदेश : पशु चिकित्सा विभाग ने कहा है कि यह रोग प्रायः संक्रमित मच्छर, मक्खी और परजीवियों के माध्यम से फैलता है। इस पर कोई निश्चित दवा नहीं है। लेकिन समय पर उपचार और उचित देखभाल (सुश्रुषा) से पशु स्वस्थ हो सकते है।

संक्रमित पशु को तुरंत अलग रखें। स्वच्छ और सूखा वातावरण बनाए रखें।पौष्टिक आहार में हरा चारा, गुड़, खनिज मिश्रण, नमक आदि। घाव या गाठों पर जंतुनाशक द्रव से सफाई करें।बुखार या सूजन होने पर तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें। गोठे की नियमित सफाई और फिनाइल/ब्लीचिंग पाउडर से निर्जंतुकीकरण करने की सलाह दी है। लातूर जिले में लंपी स्किन डिजीज पर नियंत्रण के लिए प्रशासन सतर्क है। टीकाकरण, जागरूकता और निगरानी अभियान जारी है। अधिकारियों ने पशुपालकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि पशुओं की सही देखभाल और समय पर उपचार कराएं ताकि इस बीमारी को पूरी तरह नियंत्रित किया जा सके।

Created On :   18 Oct 2025 6:45 PM IST

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