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108 इमेरजेंसी सेवा से दशकभर में बची 86 लाख लोगों की जान
- 108 इमेरजेंसी सेवा
- दशकभर में बची 86 लाख लोगों की जान
- दुर्घटना से लेकर मरीजों के एक कॉल पर पहुंच जाती है एंबुलेंस
डिजिटल डेस्क, मुंबई मोफीद खान. राज्य में मरीजों को तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए शुरू की गई ‘108 एंबुलेंस ' के जरिए एक दशक में लाखों मरीजों की जान बचाई गई है। 2014 से 2023 के बीच राज्य के 86 लाख 52 हजार 181 नागरिकों ने 108 एम्बुलेंस सेवाओं का लाभ उठाया है। इनमें हृदय रोग के मरीज, दुर्घटना पीड़ित से लेकर गर्भवती महिलाएं तक शामिल हैं।
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के साथ मिलकर महाराष्ट्र आपातकालीन चिकित्सकीय सेवा (एमईएमएस) परियोजना 26 जनवरी, 2014 से शुरू की थी, जिसके तहत महाराष्ट्र के किसी भी इलाके में टोल फ्री नंबर 108 पर कॉल कर मुफ्त में एंबुलेंस ली जा सकती है।
मुंबई के 6 लाख लोगों ने उठाया लाभ
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 108 एंबुलेंस के जरिए मुंबई के 5,88,305 लोगों ने लाभ उठाया है। इनमें से कोविड के 50,996 मरीजों को इस सेवा का लाभ मिला है। इस वर्ष मई में सिर्फ इमेरजेंसी में 6918 लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया है। मेडिकल इमेरजेंसी के लिए 5,683 लोगों को 108 की सेवा मिली है। इसके अलावा 368 गर्भवती महिलाओं और पॉली ट्रॉमा से पीड़ित 486 लोगों की जान इस सेवा से बची है।
इन्हें मिली सहायता
जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक एक वर्ष में, महाराष्ट्र आपातकालीन चिकित्सा सेवा विभाग की 108 एंबुलेंस ने राज्य में 14 लाख से अधिक रोगियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की है। इस सेवा से दुर्घटनाओं में घायल, आग लगने जैसी घटनाओं में जले हुए, हृदय रोगी, ऊंचाई से गिरकर घायल, जहर से प्रभावित, आपदा में बड़े पैमाने पर जनहानि, गर्भवती महिलाएं, आत्महत्या का प्रयास करने वाले आदि मरीज लाभान्वित हुए हैं।
किसे फायदा हुआ
महाराष्ट्र आवश्यक चिकित्सा सेवा विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य में ‘108' की 937 एम्बुलेंस हैं। 108 एम्बुलेंस दो प्रकार के कार्य करती हैं- तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान करना और राज्य के शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों को अस्पतालों तक पहुंचाना।
एंबुलेंस सेवा
राज्य सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से आपातकालीन उपचार के लिए '108 एंबुलेंस ' सेवा उपलब्ध कराई गई है। एंबुलेंस के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 108 पर संपर्क करके कॉल करना संभव है। इन एंबुलेंस में मौजूद डॉक्टर और आवश्यक मेडिकल उपकरण की मदद से मरीजों को तत्काल एम्बुलेंस में ही प्राथमिक उपचार मिल जाता है, जिससे समय पर मरीजों की जान बचाई जाती है।
40 हजार शिशुओं का बना जन्म स्थान
2014 से 2023 तक 10 वर्षों के दौरान राज्य में 108 एंबुलेंस में करीब 40 हजार बच्चों का जन्म हुआ। 2018 में अधिकतम 11,141 बच्चों का जन्म एंबुलेंस में हुआ। 2022 में यह संख्या 1197 दर्ज की गई है।
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Created On :   4 July 2023 1:30 AM IST