बॉम्बे हाईकोर्ट: कुलाबा के मियां चाल और पांडे चाल के 13 परिवारों को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज

कुलाबा के मियां चाल और पांडे चाल के 13 परिवारों को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज
  • बीएमसी की तोड़क कार्रवाई की नोटिस के खिलाफ दायर याचिका की खारिज
  • याचिकाकर्ता हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
  • 13 परिवारों को नहीं मिली राहत, याचिका खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कुलाबा के डांडी नेपियर रोड स्थित मियां चाल और पांडे चाल के 13 परिवारों के घरों पर मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) की तोड़क कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। अदालत ने उनकी बीएमसी की तोड़क कार्रवाई की नोटिस को रद्द करने की याचिका खारिज कर दी। वे सोमवार को हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

न्यायमूर्ती गौतम पटेल और न्यायमूर्ति कमल खाता की खंडपीठ के समक्ष मियां चाल और पांडे चाल के 13 परिवारों की ओर से वकील प्रेरक चौधरी की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील की ओर से दावा किया गया कि साल 1962 से उनका परिवार कुलाबा के डांडी नेपियर रोड स्थित मियां चाल और पांडे चाल में रहता है। पिछले दिनों उन्होंने अपने जर्जर घरों की मरम्मद करवाई थी।

बीएमसी ने पिछले साल 19 अक्टूबर को 13 परिवारों को कारण बताओ नोटिस भेजा कि क्यों न उनके झोपड़े को तोड़ दिया जाए? उन्होंने बीएमसी के नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद बीएमसी ने 2 दिसंबर को उनके घरों को तोड़ने की अंतिम नोटिस भेज दी, तो उन्होंने हाई कोर्ट में बीएमसी की नोटिस को चुनौती दी। हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी। अब वे सोमवार को हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

Created On :   7 Jan 2024 2:58 PM GMT

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