दल-बदल: नांदेड़-वाघाला मनपा के 55 पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा का दामन थामा -

नांदेड़-वाघाला मनपा के 55 पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा का दामन थामा    -
  • पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण के नेतृत्व में हुए शामिल
  • और कुछ पूर्व नगरसेवक भी भाजपा में प्रवेश करेंगे
  • अशोक चव्हाण पर दिलाया भरोसा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नांदेड़-वाघाला मनपा के 55 पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है। शनिवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री तथा भाजपा सांसद अशोक चव्हाण की मौजूदगी में यह प्रवेश हुआ है। नांदेड़-वाघाला मनपा के पिछले चुनाव में चव्हाण के नेतृत्व में कांग्रेस ने 81 में 73 सीटों पर जीत दर्ज की थी। चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक 55 पूर्व नगरसेवकों ने भी पाला बदल लिया है।

चव्हाण ने कहा कि मेरे नेतृत्व में यह सभी 55 पूर्व नगरसेवक निर्वाचित हुए थे। इन पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा में शामिल होने के लिए इच्छा जताई थी। जबकि भाजपा के नेता अमरनाथ राजुरकर ने बताया कि चव्हाण के नांदेड़ में आने के बाद कई पूर्व नगरसेवकों ने उनसे मुलाकात की थी। जबकि कुछ नगरसेवकों ने एक बैठक करके भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की। इसके बाद सभी 55 पूर्व नगरसेवकों ने भाजपा में प्रवेश किया है। आगामी दिनों में और कुछ पूर्व नगरसेवक भी भाजपा में प्रवेश करेंगे।

भीख नहीं मांगी, जोशी सर ने किया था संघर्ष : दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी पर कांग्रेस नेता संजय निरुपम की टिप्पणी की भाजपा उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष संजय पांडे ने आलोचना की है। निरुपम के इस ट्विट की सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है। दरअसल पूर्व सांसद संजय निरुपम ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा की मनोहर जोशी कोंकण के एकदम गरीब परिवार से थे। मुंबई में घर-घर जाकर भीख मांग के उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। शिक्षक बने, कोहिनूर कोचिंग संस्थान शुरु किया। भीख शब्द के इस्तेमाल पर एतराज जताते हुए भाजपा नेता पांडेय ने कहा कि श्री जोशी ने संघर्ष किया था, उसे भीख मांगना कहना अनुचित है। निरुपम कुंठित हो गए हैं इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मनोहर जोशी हम सभी के लिए आदरणीय थे और रहेंगे।

बता दें कि शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी की निधन हो गया था। निरुपम के इस बयान की आलोचना करते हुए संजय पांडेय ने कहा कि मनोहर जोशी सामान्य ब्राह्मण परिवार से थे। जीवन में उन्होंने संघर्ष किया, मेहनत की। वे मुंबई के महापौर बने। राज्य के मुख्यमंत्री बने। वे लोकसभा और राज्यसभा संसद के दोनों सदनों के सदस्य रहे। केंद्र में मंत्री रहे। लोकसभा अध्यक्ष रहे। जोशी सर नाम से मशहूर उनके संघर्ष को भीख मांगना बोलना पूरी तरह से गलत है। पांडेय ने कहा कि जोशी सर ऐसे थे जो बालासाहेब ठाकरे के महज एक चिठ्ठी पर मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया और एक निरुपम हैं जिन्हे बालासाहेब ने राज्यसभा नहीं भेजा तो शिवसेना छोड़ दी। जिस कांग्रेस को पानी पीकर गाली देते थे, सोनिया गांधी को बार बाला बोले थे उसी कांग्रेस की गोदी में बैठ गए। निरुपम की इस टिप्पणी को लेकर एक्स पर भी कई यूजर ने उनकी आलोचना की है।

Created On :   24 Feb 2024 7:45 PM IST

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