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मुख्यमंत्री का ओएसडी बनकर 8 महीने तक सीएमओ में रहा नटवरलाल
- बेरोकटोक सीएमओ में आता जाता रहता था मयूर ठाकरे
- मंत्रालय में सुरक्षा चूक का बड़ा मामला
- सीएमओ की कई बैठकों में हुआ शामिल
डिजिटल डेस्क, मुंबई सोमदत्त शर्मा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय (सीएमओ) की सुरक्षा में चूक का एक बड़ा मामला सामने आया है। सीएमओ में मयूर ठाकरे नाम का एक व्यक्ति पिछले 8 महीने से फर्जी नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र का उपयोग करके मुख्यमंत्री का विशेष कार्यकारी अधिकारी (ओएसडी) के रूप में कार्य करता रहा और इसकी भनक मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ-साथ गृह विभाग को भी नहीं लगी। मंगलवार को सह्याद्री अतिथि गृह में एक बैठक के दौरान एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को जब मयूर पर शक हुआ तो पूछताछ में वह संतुष्ट जवाब नहीं दे सका। दरअसल मयूर ठाकरे अमरावती के अचलपुर नगरपालिका में कर निरीक्षक के पद पर तैनात है। आघाडी सरकार के दौरान वह प्रतिनियुक्ति पर मंत्रालय आया था।
पुलिस की जांच में पता चला है कि महाविकास आघाडी की सरकार में मयूर ठाकरे तत्कालीन जल संसाधन राज्य मंत्री बच्चू कडू के संपर्क में आया और उनका ओएसडी बन गया। इस बीच आघाडी सरकार के जाने के बाद भी मयूर ठाकरे मंत्रालय में ही बना रहा और करीब 8 महीने पहले उसने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपने आप को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का ओएसडी बताना शुरू कर दिया। आघाडी सरकार में बच्चू कडू का ओएसडी होने के चलते उसके मंत्रालय के दूसरे विभागों के अधिकारियों से अच्छे संबंध हो गए। यही कारण रहा कि इसके फर्जीवाड़े की किसी को भनक नहीं लग सकी और वो बेखौफ मुख्यमंत्री कार्यालय समेत दूसरे दफ्तरों में लगातार आता जाता रहा।
सीएमओ की कई बैठकों में हुआ शामिल
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दैनिक भास्कर को बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि मयूर सीएमओ की कई गोपनीय बैठकों में शामिल हुआ था। मयूर सीएमओ में खाली केबिनों का इस्तेमाल अपनी निजी बैठक के लिए किया करता था। सूत्रों का कहना है कि मयूर ने मुख्यमंत्री कार्यालय की कई फाइलों को इधर से उधर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीएमओ के एक अधिकारी ने कहा कि मयूर ठाकरे को प्रतिनियुक्ति पर आघाडी सरकार में बच्चू कडू का ओएसडी बनाया गया था लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उसे अपनी मूल ड्यूटी पर लौटने के आदेश दिए गए थे लेकिन वह अचलपुर नहीं लौटा। मजे की बात ये है कि मयूर के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिलने के चलते उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है और उसे वापस अचलपुर नगरपालिका में भेज दिया गया है।
कौन है मयूर ठाकरे?
मयूर ठाकरे अमरावती की अचलपुर नगरपालिका का कर्मचारी है। साल 2019 में वह निर्दलीय विधायक बच्चू कडू के संपर्क में आया और जब वह राज्य मंत्री बने तो उनका ओएसडी बन गया। इस दौरान मयूर ने राज्य सरकार की कई दिव्यांग योजनाओं में कार्य किया। बच्चू कडू का कहना है कि वह मयूर ठाकरे को जानते हैं और जब वह राज्य मंत्री थे तो उसे उन्होंने मयूर को अपना ओएसडी नियुक्त किया था लेकिन सरकार बदलने के बाद मेरा उससे कोई संबंध नहीं रहा।
Created On :   8 Sept 2023 7:31 PM IST