जागरूकता: बदलापुर की घटना के बाद स्कूलों में शुरू की गई मुहिम, बताया - गुड टच और बैड टच

बदलापुर की घटना के बाद स्कूलों में शुरू की गई मुहिम, बताया - गुड टच और बैड टच
  • विद्यार्थियों को गुड टच और बैड टच को लेकर किया जा रहा जागरूक
  • पुलिस, स्वयंसेवी संस्थाओं और मनोचिकित्सकों की भी ली जा रही मदद
  • 800 स्कूल-कॉलेजों के साथ बैठक

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र।.बदलापुर के स्कूल में बच्चियों के यौन उत्पीड़न की वारदात के बाद कई स्कूलों ने बच्चों को गुड टच और बैड टच को लेकर जागरूक करने की मुहिम शुरू की है। इसके लिए पुलिस, स्वयंसेवी संस्थाओं और मनोचिकित्सकों की भी मदद ली जा रही है। चेंबूर कर्नाटक इंग्लिश हाईस्कूल की सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली एक बच्ची की मां नूरी बानो ने कहा कि मुझे बेहद खुशी हुई जब मेरी बेटी ने मुझे बताया कि स्कूल में स्वयंसेवी संस्था अर्पण की टीम आई थी, जिसने गुड टच, बैड टच के बारे में जानकारी दी। बानो ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा के प्रति चिंता होती है। इसलिए इस तरह के अभियान बेहद जरूरी हैं। इससे बच्चे-बच्चियां सतर्क होंगे और अच्छे-बुरे का फर्क समझ सकेंगे, जिससे कोई उनका उत्पीड़न नहीं कर सकेगा।

बिना डरे अभिभावकों को बताएं

महानगर के घाटकोपर स्थित पीवीजी विद्या भवन स्कूल में भी इसी तरह साढ़े तीन हजार विद्यार्थियों को यौन उत्पीड़न को लेकर जागरूक किया गया। स्कूल के शिक्षक दीपक निचित ने बताया कि पंतनगर पुलिस स्टेशन की महिला अधिकारियों ने बच्चों को यह समझाया कि वे इसकी पहचान कैसे कर सकते हैं कि कोई उन्हें अनुचित तरीके से छू रहा है और ऐसा होने पर वे बिना डरे कैसे अभिभावकों या शिक्षक को इसकी जानकारी दें। बच्चों को ऑनलाइन भी शिकार न बनाया जा सके, इसके लिए भी उन्हें जागरूक किया जा रहा है।

प्रबंधन, मुख्याध्यापकों को भी हिदायत

विद्यार्थियों के साथ मुंबई पुलिस के अधिकारी महानगर के स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधकों, मुख्याध्यापकों, प्रिंसिपल और दूसरे पदाधिकारियों को यह समझाने में जुटे हैं कि वे बदनामी के नाम पर इस तरह की घटनाओं पर पर्दा डालने की कोशिश न करें।

800 स्कूल-कॉलेजों के साथ बैठक

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त डॉ. महेश पाटील ने महानगर के करीब 800 स्कूल-कॉलेजों के प्रबंधकों, प्रिंसिपल, मुख्याध्यापकों के साथ बैठक की और उन्हें समझाया कि उन्हें विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए किस तरह के कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यौन उत्पीड़न का मामला सामने आए तो उसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए।

नियमों का पालन करें

डॉ. पाटील ने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए बनाए गए नियमों का स्कूलों में पूरी तरह पालन हो। यदि कोई वारदात हो जाए तो उसे छिपाने की जगह इसकी शिकायत की जाए। क्योंकि इस तरह के मामले अगर छिपाए गए तो इससे अपराधी का हौसला और बढ़ता है। डॉ. पाटील ने कहा कि हम ‘पुलिस दीदी’ अभियान के तहत लंबे समय से विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब स्कूलों के संचालन से जुड़े लोगों को जागरूक करने के लिए जागृत मुंबईकर अभियान चलाया जा रहा है।

Created On :   9 Sept 2024 6:15 AM IST

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