Mumbai News: न्यायपालिका स्वतंत्र है, न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार का नहीं होता हस्तक्षेप - अजित पवार

न्यायपालिका स्वतंत्र है, न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार का नहीं होता हस्तक्षेप - अजित पवार
  • भाजपा की पूर्व प्रवक्ता आरती साठे की उच्च न्यायालय में नियुक्ति पर मचा है घमासान
  • न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार का नहीं होता हस्तक्षेप

Mumbai News. मुंबई उच्च न्यायालय में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता आरती साठे की न्यायाधीश पद पर नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष ने जहां इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा हुआ है, वहीं अब राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान सामने आया है। अजित ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि न्यायपालिका स्वतंत्र है और न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित निर्णय अदालत द्वारा ही लिए जाते हैं। वहीं राकांपा (अजित) विधायक रोहित पवार ने कहा है कि आरती साठे की हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को नियुक्ति पर रोक लगानी चाहिए। अजित ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दे नहीं हैं। यही कारण है कि वह ऐसे बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश और राज्य में न्यायपालिका स्वतंत्र है। न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित फैसले अदालत द्वारा ही लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में केंद्र या राज्य सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग न्यायपालिका में आए हैं। ऐसे में यह विवाद का विषय नहीं हो सकता।

वहीं विधायक रोहित पवार ने कहा कि किसी सत्ताधारी दल के प्रवक्ता रहे व्यक्ति को न्यायपालिका में इतनी ऊंची जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है? इससे न्यायपालिका की निष्पक्षता पर असर पड़ सकता है। अगर फिर भी उनकी नियुक्ति होती है तो हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को साठे की नियुक्ति पर रोक लगानी चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने 28 जुलाई को जो प्रस्ताव पारित किया, उसके अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट में तीन नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है, जिनमें आरती साठे का भी नाम शामिल है। साठे पिछले साल तक भाजपा की प्रवक्ता रही हैं।

Created On :   6 Aug 2025 10:12 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story