फर्जी एनकाउंटर मामला: बॉम्बे हाईकोर्ट एसआईटी जांच से नाराज, आरोपी पुलिस वालों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

बॉम्बे हाईकोर्ट एसआईटी जांच से नाराज, आरोपी पुलिस वालों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई
  • साल 2018 में जोगेंदर गोपाल राणा उर्फ गोविंद का फर्जी एनकाउंटर
  • एसआईटी के प्रमुख तत्कालीन ठाणे के पुलिस आयुक्त जगजीत सिंह से मांगा जांच रिपोर्ट
  • अदालत ने पूछा-अभी तक आरोपी पुलिस वालों पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नालासोपारा में 23 जुलाई 2018 को जोगेंदर गोपाल राणा उर्फ गोविंद नामक व्यक्ति के फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की जांच पर नाराजगी जताई। अदालत ने पूछा कि अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अदालत ने एसआईटी के प्रमुख तत्कालीन ठाणे के पुलिस आयुक्त जयजीत सिंह से सोमवार को जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सुरेंद्र गोपाल राणा की ओर से वकील दत्ता माने की दायर याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उपायुक्त डॉ.सुधाकर पठारे की पेश की गई जांच रिपोर्ट को बकवास बताया और एसआईटी प्रमुख जयजीत सिंह से जांच रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिया।

याचिकाकर्ता के वकील ने खंडपीठ को संज्ञान में लाया कि जिन पुलिसकर्मियों (पुलिस नाइक मनोज सकपाल और हेड कांस्टेबल मंगेश चव्हाण) पर फर्जी एनकाउंटर का आरोप है, वे अभी भी उसी पुलिस स्टेशन में ड्यूटी कर रहे हैं।

उनसे एनकाउंटर में इस्तेमाल पिस्तौल को भी बरामद नहीं की गई है। सीआरपीसी की धारा 164 के तहत गवाहों के बयान भी दर्ज नहीं किए गए।

जबकि पिछले साल 30 नवंबर को डीसीपी डॉ.सुधाकर पठारे ने अदालत से कहा था कि 12 सप्ताह में फर्जी एनकाउंटर की जांच पूरी कर ली जाएगी। पालघर जिले के नालासोपारा में लोकल क्राइम ब्रांच में तैनात रहे पुलिस नाइक सकपाल और हेड कांस्टेबल चव्हाण ने याचिकाकर्ता सुरेंद्र गोपाल राणा के भाई जोगिंदर राणा की 23 जुलाई 2018 में फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी थी।




Created On :   1 March 2024 3:46 PM GMT

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