- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- मंत्रिमंडल के फैसला : पिछड़ावर्ग...
मंत्रिमंडल के फैसला : पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना की इमारतों के पुनर्विकास के लिए नई नीति
- पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना की इमारतों का पुनर्विकास
- नई नीति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी
- मुंबई की 150 गृहनिर्माण संस्थाओं का हो सकेगा पुनर्विकास- अजित पवार
डिजिटल डेस्क, मुंबई, वरिष्ठ संवाददाता। पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना की इमारतों के पुनर्विकास के लिए नई नीति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इससे मुंबई, पुणे और नाशिक में स्थित पिछड़ावर्ग के गृहनिर्माण संस्थाओं में रहने वाले लोगों को नया घर उपलब्ध हो सकेगा। नई नीति से इमारतों के पुनर्विकास संबंधित पूर्व में जारी किए गए सभी शासनादेश रद्द हो गए हैं। अब इमारतों का पुनर्विकास नई नीति के अनुसार होगा। जिन गृहनिर्माण संस्थाओं में मूल सदस्य पिछड़ावर्ग के 90 प्रतिशत और गैर-पिछड़ावर्ग के 10 प्रतिशत होंगे। ऐसी संस्थाओं के इमारतों का पुनर्विकास हो सकेगा। लेकिन पुनर्विकास के बाद निर्माण होने वाले अतिरिक्त घरों का आवंटन 20-80 प्रतिशत के अनुपात में होगा। यानी नए घर पिछड़ावर्ग को 20 प्रतिशत और गैर-पिछड़ावर्ग को 80 प्रतिशत आवंटित किए जाएंगे। पुनर्विकास के लिए प्राप्त होने वाले सभी प्रस्ताव म्हाडा के माध्यम से राज्य के सामाजिक न्याय विभाग के पास मंजूरी के लिए पेश किए जाएंगे। पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं की इमारतों का निर्माण हुए 55 से 60 साल बीत चुके हैं। इसमें से अधिकांश इमारतें जर्जर व खतरनाक हो गए हैं। ऐसी संस्थाओं के इमारतों का पुनर्विकास होना अत्यंत आवश्यक है।
राज्य सरकार ने साल 1949 से साल 1969 व उसके बाद की अवधि में पोस्ट वॉर पुनर्वास-219 योजना शुरु की थी। इस योजना के तहत पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं को भूखंड आवंटित किया गया था। सरकार का लक्ष्य पिछड़े वर्ग के लोगों को मुंबई, पुणे और नाशिक शहर में पक्का घर और सुविधाएं उपलब्ध कराना था। जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।
मुंबई की 150 गृहनिर्माण संस्थाओं का हो सकेगा पुनर्विकास- अजित पवार
विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना के पुनर्विकास नीति को मंजूरी देने के फैसले का स्वागत किया है। अजित ने कहा कि नई नीति से मुंबई की 150 पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना की इमारतों का पुनर्विकास का रास्ता साफ हो गया है। जबकि राज्य की 4 हजार से अधिक पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण योजना की इमारतों का भी पुनर्विकास हो सकेगा। मुंबई के विक्रोली स्थित कन्नमवार नगर में 38 से अधिक पिछड़ावर्ग सहकारी गृहनिर्माण संस्थाओं में लगभग 1 हजार 600 परिवार रहते हैं। इन संस्थाओं की इमारतें लगभग 40 साल पुरानी होने के कारण अत्यंत धोकादायक अवस्था में हैं। अजित ने कहा कि मैंने बजट सत्र में मुंबई के विक्रोली स्थित कन्नमवार नगर सहित हजारों पिछड़ा वर्ग गृहनिर्माण संस्थाओं के पुनर्विकास का मुद्दा उठाया था। मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इस बारे में पत्र भी दिया था। पूर्व की महाविकास आघाड़ी सरकार ने इन गृहनिर्माण संस्थाओं के पुनर्विकास के लिए एक समिति बनाई थी। लेकिन कोविड संकट के कारण समिति कामकाज नहीं कर पाई थी।
Created On :   16 May 2023 8:51 PM IST