शिक्षा: फीस न भरने से निजी स्कूल छोड़ने को मजबूर बच्चों को मिला बीएमसी स्कूल में दाखिला

फीस न भरने से निजी स्कूल छोड़ने को मजबूर बच्चों को मिला बीएमसी स्कूल में दाखिला
  • एडमिशन में आनाकानी मामले में बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मांगा जवाब
  • सामाजिक संगठनों ने प्रवेश नकारने के जिम्मेदार लोगों पर की कार्रवाई की मांग
  • शिक्षा की राह हुई आसान, संगठनों का माना आभार

डिजिटल डेस्क, मुंबई । धारावी के स्कूल न जाने वाले सात बच्चों को मुंबई महानगर पालिका के माटुंगा स्थित ‘सिटी ऑफ लॉस एंजलिस स्कूल’ में दाखिला मिल गया है। दैनिक भास्कर ने यह खबर प्रकाशित की थी कि किस तरह आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों के इन बच्चों को फीस न भर पाने के चलते निजी स्कूलों से निकाल दिया गया था और मनपा स्कूल उन्हें दाखिला देने में टालमटोल कर रहे थे। विद्यार्थियों को दाखिला देने में आनाकानी करने के मामले में महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी सख्ती दिखाई है और मुंबई महानगर पालिका के स्कूली शिक्षा विभाग से इस पूरे मामले में रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि मनपा का शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित करे कि कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे।

कोरोना संक्रमण के बाद फीस न भरने के चलते निजी स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चों को स्कूल से निकाल दिया गया क्योंकि अभिभावक उनकी फीस नहीं भर पा रहे थे। इसके बाद राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी किया था कि पहली से दसवीं कक्षा तक के बच्चों को अगर पुराना स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट नहीं देता तो भी उन्हें सरकारी और अनुदानित स्कूल में दाखिला दे दिया जाए, इसके बावजूद मनपा स्कूल ने पहले नियमों के खिलाफ जाकर विद्यार्थियों का टेस्ट लिया फिर पढ़ाई में कमजोर होने का हवाला देकर अभिभावकों से अगले साल दाखिला देने की बात कही थी। मामले में बच्चों को दाखिला दिलाने की पहल करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता श्रीनिवास कुचन इससे परेशान थे क्योंकि विद्यार्थियों का एक साल खराब हो जाता।

जिम्मेदार लोगों पर हो कार्रवाई : मामले की शिकायत बाल अधिकार संरक्षण आयोग से करने वाले महाराष्ट्र राज्य विद्यार्थी-पालक महासंघ के नितीन दलवी ने कहा कि सिटी ऑफ लॉस एंजलिस स्कूल की प्राथमिक और माध्यमिक की जिन दो मुख्याध्यापिकाओं ने गैरकानूनी तरीके से विद्यार्थियों का टेस्ट लिया और दाखिला देने में आनाकानी की उनके खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे दूसरों को सबक मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। उन्होंने बीट अधिकारी की भी जांच और कार्रवाई की मांग की।

Created On :   24 Feb 2024 7:27 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story