अवैध स्कूलों के जाल में न फंसे बच्चे इसलिए कर लें जांच, मेस्टा की अभिभावकों से अपील

  • महाराष्ट्र इंगलिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन की अभिभावकों से अपील
  • अवैध स्कूलों के जाल में न फंसे बच्चे
  • इसलिए पहले कर लें जांच

डिजिटल डेस्क, मुंबई. शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए दाखिले की दौड़ के बीच अभिभावक अवैध स्कूलों के जाल में फंस सकते हैं, हालांकि इससे बचने का रास्ता बेहद आसान है। केंद्र सरकार की वेबसाइट पर जानकर आसानी से इस बात की जांच की जा सकती है कि स्कूल वैध है या नहीं। महाराष्ट्र इंगलिश स्कूल ट्रस्टी एसोसिएशन (मेस्टा) ने भी अभिभावकों से आग्रह किया है कि वे दाखिले के समय स्कूल के मान्यता प्राप्त होने की पुष्टि जरूर कर लें। मेस्टा के संस्थापक अध्यक्ष संजयराव तायडे पाटील ने कहा कि हम संगठन की ओर से सभी अभिभावकों से अपील करते हैं कि वे बच्चे के दाखिले से पहले इस बात की जांच जरुर कर लें कि स्कूल मान्यता प्राप्त है या नहीं। इसकी प्रक्रिया बेहद आसान है। उन्होंने बताया कि https://src.udiseplus.gov.in वेबसाइट पर जाकर स्कूल की मान्यता की पुष्टि की जा सकती है। इस वेबसाइट पर यूनाइटेड डिस्ट्रिक्ट इंफर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (यूडीआईएसई) कोड, स्कूल का नाम या इलाके का पिनकोड डालकर मान्यता प्राप्त स्कूलों की जानकारी हासिल की जा सकती है। इसके साथ अभिभावकों से कहा गया है कि वे इस बात की भी जांच कर लें कि स्कूल किस मंडल से संलग्न है और संलग्नता का मान्यता क्रमांक कितना है।

केंद्र सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग की इस वेबसाइट पर देशभर के 14 लाख 89 हजार से ज्यादा मान्यता प्राप्त स्कूलों की जानकारी उपलब्ध है। इनमें से 10.22 लाख स्कूल सरकारी और बाकी निजी मान्यता प्राप्त हैं। वहीं मेस्टा के ठाणे अध्यक्ष नरेश पवार ने कहा कि अवैध स्कूल बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार ने दिवा इलाके में सरकार ने 32 अवैध स्कूलों की सूची जारी की है लेकिन यहां 52 अवैध स्कूल हैं। प्रशासन इन स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात करता है लेकिन हकीकत में कुछ नहीं होता। अवैध स्कूल प्रलोभन देकर अभिभावकों को अपने जाल में फंसा लेते हैं साथ ही प्रशासन से मिलीभगत कर स्कूल चलाते रहते हैं। बता दें कि राज्य में पिछले साल जांच के दौरान 674 अवैध स्कूल मिले थे जिन्हें आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले बंद किया जाना था लेकिन इनमें से ज्यादातर स्कूल अब भी चल रहे हैं और प्रशासन उन्हें बंद कराने में नाकाम रहा है।

Created On :   29 May 2023 1:28 PM GMT

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