कोविड काल में हुए घोटाले का मामला : सील क्लिनिकल ट्रायल रूम में बंद कंप्यूटर से कई राज हो सकते हैं उजागर

कोविड काल में हुए घोटाले का मामला : सील क्लिनिकल ट्रायल रूम में बंद कंप्यूटर से कई राज हो सकते हैं उजागर
  • जे.जे. अस्पताल प्रशासन ने कार्रवाई से वरिष्ठों को किया अवगत
  • ट्रायल रूम में बंद कंप्यूटर से कई राज हो सकते हैं उजागर
  • कोविड काल में हुए घोटाले का मामला

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान. कोविड काल में हुए घोटाले में जे.जे. मेडिसिन विभाग के डॉक्टर हेमंत गुप्ता का नाम सामने आने से जे.जे. अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। इस मामले में अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को डॉ. गुप्ता से जुड़े फार्माकोलॉजी विभाग के मातहत चलने वाले क्लिनिकल ट्रायल रूम और कार्यालय को सील कर दिया था। इस कार्यालय में रखे कंप्यूटर व अन्य दस्तावेजों से कोविड में हुए घोटालों से जुड़े कई राज खुल सकते हैं। हालांकि इस पूरी कार्रवाई की जानकारी से अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के आलाअफसरों को अवगत कराया है। इस जानकारी को दिए हुए 24 घंटे से अधिक समय बीत गया है, लेकिन अभी तक वरिष्ठों ने इस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

ईडी कर रहा है जांच

कोविड सेंटर घोटाले के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) कर रहा है। इस घोटाले में सबसे पहला नाम लाइफ लाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेस कंपनी का नाम आया था। अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि इस कंपनी में जे.जे. अस्पताल के मेडिसिन विभाग के मानद डॉक्टर हेमंत गुप्ता पार्टनर बताए जाते हैं। इतना ही नहीं, जिस कंपनी को क्लिनिकल ट्रायल के लिए किराए पर कक्ष दिया गया था, उस कंपनी में भी इनकी हिस्सेदारी होने की बात कही जा रही है। डॉक्टर गुप्ता इसी कक्ष और कार्यालय में अपना ज्यादा समय बिताते थे। इसी के मद्देनजर अस्पताल प्रशासन ने न सिर्फ क्लिनिकल कक्ष को सील किया, बल्कि उस कमरे को भी सील किया गया, जहां कंप्यूटर के जरिए कई कागजी काम होते थे। अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक, ईडी को इन कंप्यूटर से कई जानकारी मिल सकती हैं, जिसकी खोज वे कर रहे हैं। फिलहाल ईडी को मनपा के सीपीडी कार्यालय, अधिकारियों के आवास और युवा सेना के सचिव सूरज चव्हाण से कई दस्तावेज मिले हैं।

कंपनी को भेजा गया पत्र

क्लिनिकल ट्रायल को लेकर अस्पताल प्रशासन ने एक बार फिर पार्श्व लाइफ साइंस कंपनी से अभी तक किए सभी क्लिनिकल ट्रायल और उससे संबंधित हुए लेन-देन की पूरी जानकारी मांगी है। इस आशय का पत्र भी दिए जाने की बात कही जा रही है। हालांकि कंपनी ने अभी तक इस बारे में कोई जानकारी जे. जे. अस्पताल प्रशासन को नहीं दी है।

अधिकारी ने कुछ नहीं बताया

राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव अश्विनी जोशी से जब इस मामले में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि उक्त कार्रवाई अस्पताल प्रशासन ने की है। उन्होंने इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।

Created On :   24 Jun 2023 9:23 PM IST

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