सुप्रीम कोर्ट: मराठा आरक्षण फैसले के खिलाफ सुधारात्मक याचिका उचित समय में सूचीबद्ध करेंगे

मराठा आरक्षण फैसले के खिलाफ सुधारात्मक याचिका उचित समय में सूचीबद्ध करेंगे
  • सुधारात्मक याचिका उचित समय में सूचीबद्ध
  • महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर सुधारात्मक याचिका

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि मराठा आरक्षण को रद्द करने वाले शीर्ष अदालत के 2021 के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा दायर सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव पिटीशन) को उचित समय पर सूचीबद्ध किया जाएगा।

यह पिटीशन सुप्रीम कोर्ट में ऐसे समय दायर की गई है जब प्रदेश में मराठा आरक्षण को जंग छिडी हुई है। महाराष्ट्र सरकार के वकील के मुताबिक तीन दीन पहले दायर इस याचिका को आज मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया। इस पर सीजेआई ने कहा कि सुधारात्मक याचिका पर कार्रर्वाई कर रहे हैं, हम इसे सूचीबद्ध करेंगे।

सुधारात्मक याचिका मई 2021 में पांच जजों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई है, जिसने सामाजिक और आर्थिक रुप से पिछड़े वर्ग में मराठा समुदाय के लिए 12 से 13 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले महाराष्ट्र सरकार के कानून को रद्द कर दिया था। पीठ ने एसईबीसी अधिनियम,2018 को इस हद तक रद्द कर दिया कि यह मराठों को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग मानता है और समानता के सिद्धातों का उल्लंघन करता है।

जुलाई 2021 में 5 जजों की पीठ के फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा फैसले के खिलाफ दायर एक पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य के पास एसईबीसी की पहचान करने की कोई शक्ति नहीं है।

Created On :   13 Oct 2023 2:59 PM GMT

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