बॉम्बे हाई कोर्ट: वन्यजीवों की सुरक्षा और वन्यजीव के क्षेत्रों के संरक्षण को लेकर अदालत हुई काफी सख्त

वन्यजीवों की सुरक्षा और वन्यजीव के क्षेत्रों के संरक्षण को लेकर अदालत हुई काफी सख्त
अदालत ने राज्य सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल नहीं करने पर लगाया 25 हजार का जुर्माना

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य में वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके क्षेत्रों के संरक्षण को लेकर काफी सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार द्वारा समय पर हलफनामा दाखिल नहीं करने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने जुर्माने की राशि याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया है। 12 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश पाटिल की पीठ के समक्ष पर्यावरण के संरक्षण के लिए कार्य करने वाली सामाजिक संस्था वनशक्ति की पूर्णिमा उपाध्याय की ओर से वकील आकाश रेबेलो की दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील आकाश रेबेलो ने दलील दी कि कई वन्यजीव विलुप्त होने के कगार पर हैं और उनके रहने के क्षेत्र संकटग्रस्त हैं। उन्हें सरकार द्वारा संरक्षण दिए जाने की जरने की जरुरत है। अदालत राज्य सरकार को वन्यजीवों की पहचान करने और महत्वपूर्ण वन्यजीव रहने वाले वन क्षेत्रों का सीमांकन का निर्देश दे, जिससे वन्यजीवों और वन्यजीवों के रहने वाले क्षेत्रों की सुरक्षा एवं संरक्षण किया जा सके।

पिछली सुनवाई के दौरान पीठ ने सरकार से हलफनामा दाखिल कर वन्यजीवों के संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का निर्देश दिया था। सरकार हलफनामा दायर नहीं किया है। अतिरिक्त सरकारी वकील ओ.ए.चंदुरकर ने पीठ से हलफनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर पीठ ने नाराजगी जताते हुए सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया और उसे याचिकाकर्ता को देने का निर्देश दिया।

Created On :   25 Sept 2025 9:39 PM IST

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