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हाईकोर्ट: अमेरिका में डंका बजाने वाले डांस ग्रुप ने पुरस्कार राशि के लिए खटखटाया दरवाजा, घोसालकर हत्या मामले में भी सुनवाई
- मीरा रोड पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करने का आरोप
- पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर हत्या मामले में भी सुनवाई
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमेरिका में डांस का डंका बजाने वाले मीरा रोड के डांस ग्रुप 'वी अनबीटेबल' ने 11 करोड़ की पुरस्कार राशि के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में दावा किया गया है कि फरवरी 2020 में ‘अमेरिकाज गॉट टैलेंट शो ‘द चैंपियंस’ का दूसरा सीजन समेत कई चैंपियंस शो में पुरस्कार की जीती गई 11 करोड़ 96 लाख 10 हजार रुपए पुरस्कार राशि को ग्रुप के संस्थापक और कोरियोग्राफर ओम प्रकाश चौहान ने सभी डांसर्स में नहीं बांट कर डांस ग्रुप के साथ धोखाधड़ी की है। इसकी उन्होंने मीरा रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत की, लेकिन चौहान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी। अदालत ने मीरा रोड स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को 18 सितंबर को तलब किया है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की पीठ के समक्ष डांसर वीरगोविंद नरौत्तम समेत 27 डांसर की ओर से वकील श्रवण गिरी दायर याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील श्रवण गिरी ने दलील दी कि 27 डांसर के समूह को मीरा रोड, भयंदर, नायगांव, वसई, नालासोपारा और विरार की झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले युवकों को चुना गया था। इन युवा लड़कों ने ‘वी अनबीटेबल’ ग्रुप को चमकाने के लिए कई साल बिताए और फरवरी 2020 में एक रियलिटी शो एजीटी जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को गौरवान्वित किया। चौहान ने डांसर्स से कहा था कि वह पुरस्कार राशि का निवेश एक स्टूडियो बनाकर करेंगे, जहां वे रिहर्सल करते रहेंगे। इसके अलावा स्टूडियो बनाने के समय चौहान ने प्रत्येक डांसर से 25 हजार रुपए लिए थे। ग्रुप ने भारत समेत विदेशों में 250 से अधिक शो कर चुके हैं। इस ग्रुप के संस्थापक और कोरियोग्राफर ओम प्रकाश चौहान ने पुरस्कार की राशि सभी डांसर्स में नहीं बांटा कर उनके साथ धोखाधड़ी की। उसने डांसर्स के पुरस्कार राशि से कई फ्लैट और नेपाल में जमीन खरीदी है। उन्होंने (याचिकाकर्ताओं) ने उसके खिलाफ मीरा रोड पुलिस स्टेशन में कई बार कोरियोग्राफर ओम प्रकाश चौहान से खिलाफ शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीठ ने मीरा रोड स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को रखी गई है।
पूर्व नगरसेवक अभिषेक घोसालकर हत्या मामला - हाई कोर्ट ने कहा: मुंबई पुलिस ने हत्या के सभी पहलुओं की नहीं की जांच, मामला सीबीआई के सुपुर्द
उधर हाई कोर्ट ने शिवसेना (उद्धव) के पूर्व नगर सेवक अभिषेक घोसालकर की हत्या के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि मुंबई पुलिस ने अभिषेक की हत्या के सभी पहलुओं की जांच नहीं की। शिवसेना (उद्धव) के पूर्व विधायक विनोद घोसालकर के बेटे अभिषेक की 8 फरवरी को बोरीवली में एक सोशल मीडिया लाइव के दौरान कथित तौर पर मॉरिस नोरोन्हा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में अभिषेक की पत्नी तेजस्वी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति श्याम सी चांडक की पीठ ने 10 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ ने शुक्रवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया और मुंबई पुलिस को मामले से जुड़े कागजात दो सप्ताह के भीतर सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही पीठ ने सीबीआई के क्षेत्रीय निदेशक को मामले की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक के पद से नीचे का कोई आईपीएस कैडर अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है। अदालत ने कहा कि सीबीआई अपने अधिकारियों की टीम नियुक्त करने के लिए स्वतंत्र है।
Created On :   6 Sept 2024 10:49 PM IST