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दापोली साईं रिसॉर्ट मामला - दबाव डाल कर पहले रिसॉर्ट बनाया, बाद में ली अनुमति
- अनिल परब ने निर्माण के बाद 1 करोड़ 10 लाख में बेची जमीन
- सदानंद कदम को बेची रिसॉर्ट की जमीन
- दबाव डाल कर पहले रिसॉर्ट बनाया
- ईडी के वकील ने विशेष अदालत में सुनवाई के दौरान दी दलील
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दापोली का साईं रिसॉर्ट का पहले निर्माण किया गया और बाद में अधिकारियों पर दबाव डाल कर उसके निर्माण की अनुमति ली गई। सन 2020 में साईं रिसॉर्ट का निर्माण करने के बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के विधायक अनिल परब ने रिसॉर्ट की जमीन सदानंद कदम को 1 करोड़ 10 लाख रुपए में बेची। कदम के पास से मिले कागजात से यह जानकारी मिली है। वहीं, जमीन के मालिक विभास साठे ने अनिल परब को अपनी जमीन 1 करोड़ 80 लाख रुपए में बेचने का ईडी को बयान दिया है। ईडी के वकील सुनिल गोंसालविस ने विशेष पीएमएलए अदालत में यह दलील दी। मामले में अगली सुनवाई 8 जून को होगी।
विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश देशपांडे के समक्ष शुक्रवार सदानंद कदम और जयराम देशपांडे की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई। ईडी के वकील गोंसालविस ने कदम और देशपांडे के अग्रिम जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अनिल परब ने 2 मई 2017 को दापोली के साईं रिसॉर्ट की जमीन सदानंद कदम के प्रयास से एजेंट विनोद देफोलकर के जरिए विभास साठे से 1 करोड़ 80 लाख रुपए में ली थी। इसके लिए परब ने 1 करोड़ रुपए अपने बैंक एकाउंट से साठे को ट्रांसफर किए थे, जबकि 80 लाख रुपए ब्लैक मनी के रूप में दिए गए।
क्या है पूरा मामला
आर्किटेक्ट ने परब को बताया कि जिस जमीन पर वह बंगला बनाना चाहते हैं, वह जमीन सीआरजेड के अंतर्गत आती है। इस पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो सकता है। इसके बावजूद परब के निर्देश पर कदम ने साईं रिसॉर्ट की भूमि को एसडीओ से गैर-कृषि भूमि में परिवर्तित कराया। दापोली के तत्कालीन क्षेत्रीय अधिकारी ने बिना जमीन का मुआयना किए एसडीओ को जमीन की निरीक्षण रिपोर्ट 31 जुलाई 2017 को भेज दी थी। परब ने दोनों बंगले के निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया।
जब सीआरजेड का उल्लंघन का मामला सामने आने लगा, तो परब ने सन 2020 में कदम को साईं रिसॉर्ट की जमीन 1 करोड़ 10 लाख रुपए बेच दी, जबकि जमीन बेचे जाने से तीन साल पहले ही साईं रिसॉर्ट के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका था। कदम ने अपनी डायरी में लिखा है कि साईं रिसॉर्ट के निर्माण में साल 2020 से 2021 के बीच 3 करोड़ 59 लाख रुपए लगे थे।
पिछले दिनों ईडी ने आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें सदानंद कदम, जयराम देशपांडे के अलावा सुधीर शांताराम परदुले, विनोद देफोलकर, सुरेश तुपे और अनंत कोली को आरोपी बनाया गया है, जबकि आरोपपत्र में अनिल परब का नाम नहीं है।
Created On :   2 Jun 2023 9:52 PM IST