राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में उठी दलबदल पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग

राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में उठी दलबदल पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग
  • हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकारें गिराई जा रहीं हैं, चिंताजनक-गहलोत
  • दलबदल पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दलबदल के चलते मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस ने अब दलबदल पर पूरी तरह से पाबंदी की मांग उठानी शुरू कर दी। मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के दो बड़े नेताओं ने इसकी मांग की। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि आजकल देश में हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकारें गिराई जा रहीं हैं, यह चिंता की बात है। लोग लालच में अपनी पार्टियां बदलते हैं, इससे युवाओं में गलत संदेश जाता है। यह जरूरी है कि हम अपनी विचारधारा के प्रति निष्ठावान रहें।

उन्होंने कहा कि अगर हॉर्स ट्रेडिंग के जरिए सरकार गिराई जाएगी, तो लोकतंत्र के क्या मायने रह जाएंगे। सम्मेलन के आखरी दिन आने वाले 25 वर्षों में भारतीय लोकतंत्र की स्थिति पर चर्चा हुई। इस दौरान गहलोत ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार से दूर रहने और किसी भी स्थिति में गलत लोगों का साथ न देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में सदन में गर्मागर्म बहस होती थी, लेकिन लॉबी में सब हंसी-मजाक करते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और नेता एक-दूसरे से दुश्मन की तरह व्यवहार करने लगे हैं। पक्ष-विपक्ष के नेताओं के चेहरे पर तनाव दिखता है। सत्ता पक्ष की यह जिम्मेदारी है कि वह विपक्ष को साथ लेकर चले।

दलबदल कानून सबसे बड़ी चिंता

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी दलबदल को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा कानून नाकाम साबित हो रहा है। हमने कई राज्यों में दलबदल के जरिए सरकारें गिरते देखी हैं। चव्हाण ने कहा कि दलबदल पर रोक लगाने के लिए कानून बनना चाहिए।

सदन में 50 फीसदी हो महिलाओं की भागीदारी- वृंदा करात

फिलहाल देशभर के सदनों में महिलाओं की हिस्सेदारी औसत 7 फीसदी है, इसे 2047 तक बढ़ाकर 50 फीसदी करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने चर्चा के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में भी महिलाओं की हिस्सेदारी कम है, इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को इस पुरुष प्रधान समाज में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

हम प्रतिद्वंदी हैं, दुश्मन नहीं- वेंकैया नायडू

कार्यक्रम में शामिल हुए पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें याद रखना चाहिए कि हम प्रतिद्वंदी हैं, दुश्मन नहीं। हमें एक दूसरे का सम्मान करते हुए प्रभावी ढंग से जवाब देना चाहिए और प्रतिद्वंदियों के साथ भी गरिमापूर्ण व्यवहार करना चाहिए। सदन में हमारा आचरण मायने रखता है, क्योंकि हम लोगों के लिए आदर्श है।

Created On :   18 Jun 2023 4:00 PM IST

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