नैक का मूल्यांकन न होने पर पांच साल से ज्यादा पुराने कॉलेजों की बढ़ेगी मुश्किल

नैक का मूल्यांकन न होने पर पांच साल से ज्यादा पुराने कॉलेजों की बढ़ेगी मुश्किल
  • आवेदन नहीं किया तो विद्यार्थियों के दाखिले पर लग सकती है रोक
  • गैर अनुदानित संस्थान आवेदन में बरत रहे ढिलाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) में मूल्यांकन के लिए आवेदन न करने वाले उच्च शिक्षा संस्थानों पर राज्य सरकार कड़ाई करने की तैयारी कर रही है। राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने हाल ही में राज्य के कुलपतियों के साथ बैठक में हिदायत दी है कि वे पांच साल से ज्यादा पुराने संलग्न कॉलेजों को नोटिस भेजकर उन्हें नैक के मूल्यांकन के लिए आवेदन करने को कहें और ऐसा न करने पर नए दाखिले पर रोक लगा दी जाए। ऐसा हुआ तो राज्य के दो हजार से ज्यादा कॉलेजों की मुश्किल बढ़ सकती है जिनमें से दो हजार मुंबई में हैं। शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए नैक का मूल्यांकन बेहद जरूरी है। इसीलिए उच्च शिक्षा संस्थानों पर मूल्यांकन के लिए दबाव डाला जा रहा है। इसका असर भी हुआ है और मूल्यांकन के लिए आवेदन करने वाले संस्थानों की संख्या करीब 25 फीसदी बढ़ा है।

गैर अनुदानित संस्थान आवेदन में बरत रहे ढिलाई

राज्य के ज्यादातर सरकारी और अनुदानित शिक्षा संस्थानों का मूल्यांकन हो चुका है लेकिन गैर सहायता प्राप्त शिक्षा संस्थान नैक के लिए आवेदन करने में ढिलाई बरत रहे हैं। छह महीने पहले जारी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में 4494 कॉलेज और 65 विश्वविद्यालय हैं। इनमें से 1854 नैक की मान्यता मिली हुई है। सहायता प्राप्त 1177 संस्थानों में से 1096 को नैक की मान्यता मिली हुई है जबकि 2141 गैर सहायता प्राप्त संस्थानों में 1909 को अब तक नैक की मान्यता नहीं मिली है।

‘बुनियादी सुविधाएं नहीं इसलिए मूल्यांकन से बच रहे’

सेवानिवृत्त प्रोफेसर दयानंद तिवारी ने कहा कि ज्यादातर निजी शिक्षा संस्थानों में बुनियादी सुविधाएं ही नहीं हैं। योग्य शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती। ऐसे में नैक का मूल्यांकन कराने से उनकी मान्यता खतरे में पड़ सकती है। इसीलिए कई उच्च शिक्षा संस्थान मूल्यांकन के लिए आवेदन करने से बचते हैं।

परीस-स्पर्श योजना के जरिए भी मदद

जिन शिक्षा संस्थानों ने नैक के मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं किया है उनकी मदद के लिए राज्य सरकार ने परीस-स्पर्श योजना भी शुरू की है। इसके तहत राज्य स्तरीय समिति के साथ विश्व विद्यालय स्तरीय और जिला स्तरीय समिति का भी गठन किया जाना है। समिति उन कॉलेजों की मदद करेगी जिनका नैक का मूल्यांकन नहीं हुआ है।

क्या है नैक मूल्यांकन

राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद एक स्वायत्त संस्था है जो उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता और सुविधाओं की जांच करती है। इसके मुताबिक ए++ से लेकर डी तक ग्रेडिंग दी जाती है। यूजीसी के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए नैक की मान्यता जरूरी है। मान्यता न लेने वाले संस्थान को किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलता।

Created On :   14 Jun 2023 4:43 PM GMT

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