रजा अकादमी की गाइड लाइन्स : संभाल कर करें कुर्बानी, पड़ोसियों और दूसरे मजहब के लोगों को न हो तकलीफ

रजा अकादमी की गाइड लाइन्स : संभाल कर करें कुर्बानी, पड़ोसियों और दूसरे मजहब के लोगों को न हो तकलीफ
  • दूसरे मजहब के लोगों को न हो तकलीफ
  • रजा अकादमी की गाइड लाइन्स
  • संभाल कर करें कुर्बानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आगामी 29 जून को ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार मनाया जानेवाला है। इस बकरीद पर तीन दिनों तक जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इसे लेकर रजा अकादमी की अध्यक्षता में मुस्लिम बुद्धिजीवियों की अहम बैठक हुई है। इस बैठक के बाद मुंबई सहित प्रदेश के मुस्लिम समाज से बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी एहतियात बरतते हुए करने की अपील की गई है। इसमें विशेषरूप से यह भी कहा गया है कि कुर्बानी के दौरान कोई ऐसी हरकत न करें जिससे दूसरे समाज के लोगों व पड़ोसियों को कोई तकलीफ हो।

मुस्लिम बुद्धिजीवियों की संस्था रजा अकादमी के बैनर तले सभी उलेमाओं की कुर्बानी को लेकर एक बैठक हुई थी। इस बैठक में कुर्बानी को लेकर क्या करना चाहिए और क्या नहीं? इस पर चर्चा की गई। इस चर्चा के बाद मुस्लिम समाज के लिए कुर्बानी को गाइड लाइन्स जारी की गई। रजा अकादमी के संस्थापक महासचिव सईद नूरी ने समाज से अपील की है कि ईद-उल-अजहा के मुबारक दिनों में वे शहर का अमन व अमान और सलामती बनाये रखे।

ये है गाइडलाइन्स

- उन जानवरों की कुर्बानी करें जिसकी अनुमति सरकार ने दी है।

- कुर्बानी के जानवर किसी भी पड़ोसी या अन्य मजहब के लोगों के घर के बाहर न बांधे।

- बड़े जानवरों को गली या मोहल्लों में न घुमाएं।

- जानवरों की कुर्बानी करते समय न ही वीडियो बनाए और न ही इस वीडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करें।

- अधिकृत जगह पर ही जानवरों की कुर्बानी करें।

- कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष को खुले में न फेंककर बल्कि उसे प्लास्टिक की थैली में बांधकर मनपा द्वारा मुहैया कराए गए कूड़ेदान में ही डाले।

- साफ-सफाई का विशेष रूप से खयाल रखें।

- कुर्बानी के बाद फौरन ख़ूनवाले कपड़े बदल लें। खून लगे हुए कपड़े पहनकर इलाके में न घूमे।

- सभी धर्म की भावनाओं का आदर करते हुए अपना त्योहार मनाएं।

Created On :   23 Jun 2023 8:40 PM IST

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