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राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग सख्त: मेडिकल स्टूडेंट को हॉस्टल में असुविधा हुई तो कॉलेज प्रबंधन पर होगी कार्रवाई
- पीजी विद्यार्थियों की ने की थी शिकायत
- राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग सख्त
- मेडिकल स्टूडेंट को असुविधा हुई तो खैर नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई. स्नातकोत्तर (पीजी) कर रहे मेडिकल स्टूडेंट्स को हॉस्टल में बेहतर सुविधा मुहैया कराना मेडिकल कॉलेज की जिम्मेदारी है। लेकिन कुछ मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टल की हालत दयनीय है। इससे जुड़ीं मेडिकल छात्रों की शिकायतों को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने गंभीरता से लिया है। आयोग ने साफ कहा है कि छात्रों की शिकायतों का समाधान नहीं करनेवाले मेडिकल कॉलेज के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल स्टूडेंट को हॉस्टल में असुविधा हुई तो कॉलेज पर होगी कार्रवाई
पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन, 2023 के नियम 5.6 के अनुसार मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को उपयुक्त आवास प्रदान करना अनिवार्य है। यदि उचित सुविधाएं नहीं मिलेंगी तो पीजी छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए बाध्य नहीं जा सकता। कई मेडिकल कॉलेज-संस्थान जरूरी सुविधाएं नहीं होने के बावजूद पोस्ट ग्रेजुएट छात्रों को हॉस्टल में रहने के लिए मजबूर करते हैं। इसके लिए मोटी फीस छात्रों से वसूलते हैं। आयोग ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज नियमों का पालन करें।
की जा सकती है ये कार्रवाई, पीजी विद्यार्थियों की ने की थी शिकायत
पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन 2023 के नियम 9.1 और 9.2 के तहत आयोग मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। इसके तहत मेडिकल कॉलेज-संस्थान पर जुर्माना लगाया जा सकता है। संबंधित कॉलेज में पीजी की सीटें कम की जा सकती हैं। ऐसे कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया निलंबित की जा सकती है।
Created On :   11 Feb 2024 8:20 PM IST