महाराष्ट्र विधानसभा: विधायिका का फैसला अगर असंवैधानिक रहा तो अदालत कर सकती है हस्तक्षेप- राहुल नार्वेकर

विधायिका का फैसला अगर असंवैधानिक रहा तो अदालत कर सकती है हस्तक्षेप- राहुल नार्वेकर
  • मामले में न तो देरी की जाएगी और न ही जल्दबाजी
  • अदालत कर सकती है हस्तक्षेप

डिजिटल डेस्क, मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय विधायिका के किसी भी फैसले में उस समय हस्तक्षेप करेगा, जब विधायिका द्वारा दिया गया वह निर्णय असंवैधानिक हो या कानून को नजरअंदाज करता हो। शिवसेना (उद्धव) द्वारा शिंदे गुट के 16 विधायकों के अयोग्यता के सिलसिले में सर्वोच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई के सवाल पर नार्वेकर ने ये बयान दिया। उन्होंने कहा कि वो पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि कानून के दायरे में रहकर ही फैसला दिया जाएगा।

शिवसेना में हुई टूट के बाद शिंदे और उद्धव गुटों ने एक-दूसरे के खिलाफ अयोग्यता याचिका दायर की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। नार्वेकर ने कहा देश की सर्वोच्च अदालत इन याचिकाओं के फैसले पर उस समय ही कार्रवाई कर सकती है जब इस मामले में कोई निर्णय असंवैधानिक हो या यह कानून को दरकिनार करता हो। ऐसी स्थिति में न्यायालय हस्तक्षेप करेगा। अन्यथा अदालत अन्य संस्थानों के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने कहा कि विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका तीन संस्थाएं हैं, जो एक-दूसरे के बराबर हैं। कोई किसी दूसरे के कार्यक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करता, इसे संवैधानिक अनुशासन कहा जाता है। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने नार्वेकर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए एक सप्ताह में समय सीमा बताने का निर्देश दिया था।

नार्वेकर ने कहा कि जब से वो विधायकों की अयोग्यता के मामले को सुन रहे हैं तभी से उन पर उद्धव गुट की तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सदन के बाहर लगाए गए किसी भी आरोप को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं किसी के दबाव में नहीं आऊंगा। विधायकों की अयोग्यता के मामले में न तो देरी की जाएगी और न ही जल्दबाजी की जाएगी।

Created On :   9 Oct 2023 10:03 PM IST

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