उद्योगों की जरूरत के अनुसार विद्यार्थियों को तैयार करने की पहल

उद्योगों की जरूरत के अनुसार विद्यार्थियों को तैयार करने की पहल
  • कॉलेजों में नहीं, कारखानों में होगी पढ़ाई
  • इंडस्ट्री के साथ मिलकर डीटीई जल्द ही शुरु करेगा कोर्स
  • एक लाख विद्यार्थियों को मिलेगा दाखिला

डिजिटल डेस्क, मुंबई, दुष्यंत मिश्र। व्यावसायिक कोर्स के बावजूद रोजगार न मिलने की समस्या खत्म करने के लिए उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग अब उद्योगों के साथ मिल कर ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम लाएगा, जिनमें विद्यार्थी कॉलेजों में नहीं बल्कि कारखानों में पढ़ाई करेंगे। उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने दैनिक भास्कर को खास बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत खासतौर पर व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को सीधे उद्योग से जोड़ने की कोशिश हो रही है। इसके तहत शैक्षणिक संस्थान और उद्योग साथ मिल कर काम करेंगे। फिलहाल तकनीकी शिक्षा निदेशालय (डीटीई) 12 डिप्लोमा और 7 एडवांस डिप्लोमा कोर्स तैयार कर चुका है जिनमें विद्यार्थियों को दाखिले दिए जाएंगे। इसमें एक लाख विद्यार्थियों को प्रवेश देने का लक्ष्य है। दाखिला लेने के बाद विद्यार्थी संबंधित उद्योग में काम करते हुए वास्तविक अनुभव लेंगे। विद्यार्थियों की ज्यादातर पढ़ाई प्रैक्टिकल होगी। प्रोफेसर भी औद्योगिक इकाइयों में ही जाकर विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे-समझाएंगे। कोर्स पूरा होने के बाद उद्योगों में ही विद्यार्थियों को रोजगार मिल जाएगा। फिलहाल शिक्षा संस्थानों के प्रिंसिपल और उद्योगों के प्रतिनिधि मिलकर कोर्स तैयार करने में जुटे हैं।

उद्योगों के मुताबिक कोर्स

मंत्री चंद्रकांत पाटील ने बताया कि अलग-अलग क्षेत्र में अलग तरह के उद्योग हैं। जैसे पुणे में ऑटोमोबाइल और आईटी इंडस्ट्री ज्यादा है, विदर्भ में टेक्सटाइल उद्योग, कोल्हापुर में चीनी मिल, कोकण में पर्यटन ज्यादा होता है। जिस जगह जो उद्योग हैं और जिस तरह की मांग है, वहां वैसे पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं। पाटील ने बताया कि जुलाई से पहले डीटीई को पाठ्यक्रम तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

पढ़ाई के साथ कमाई भी

डीटीई के निदेशक डॉ. विनोद मोहितकर ने बताया कि हम पढ़ाई के साथ कमाई योजना के तहत डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा के कोर्स तैयार कर रहे हैं। इसके तहत उद्योग और महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन के साथ समझौता करेंगे। उद्योग ही बच्चों को चुन कर उन्हें प्रशिक्षण देंगे। प्रैक्टिकल पर जोर होगा। थियरी की भी परीक्षा ली जाएगी। प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को उद्योगों की ओर से मानधन भी मिलेगा।

ये कोर्स होंगे उपलब्ध

मैन्युफैक्चरिंग साइंस में डिप्लोमा

ईवी मोबिलिटी में डिप्लोमा

इलेक्ट्रो मेक्ट्रोनिक्स में डिप्लोमा

औद्योगिक औषधि विज्ञान में डिप्लोमा

खाद्य विज्ञान में डिप्लोमा

आपूर्ति श्रृंखला और रसद प्रबंधन में डिप्लोमा

मैन्युफैक्चरिंग ऑटोमेशन में डिप्लोमा

खुदरा प्रबंधन में डिप्लोमा

फोर्जिंग साइंस में डिप्लोमा

टेक्सटाइल साइंस में डिप्लोमा

हरित ऊर्जा और पर्यावरण विज्ञान में डिप्लोमा

हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में डिप्लोमा

एडवांस डिप्लोमा प्रोग्राम

मैन्युफैक्चरिंग साइंस में एडवांस डिप्लोमा

ईवी मोबिलिटी में एडवांस डिप्लोमा

इलेक्ट्रो मेक्ट्रोनिक्स में एडवांस डिप्लोमा

मैन्युफैक्चरिंग ऑटोमेशन में एडवांस डिप्लोमा

फोर्जिंग साइंस में एडवांस डिप्लोमा

टेक्सटाइल साइंस में एडवांस डिप्लोमा

हरित ऊर्जा और पर्यावरण विज्ञान में एडवांस डिप्लोमा

Created On :   18 Jun 2023 8:14 PM IST

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