विज्ञान: विद्यार्थियों के उपग्रह देख इसरो वैज्ञानिक भी हुए प्रभावित, किया मार्गदर्शन

विद्यार्थियों के उपग्रह देख इसरो वैज्ञानिक भी हुए प्रभावित, किया मार्गदर्शन
  • कॉस्मिक फेस्ट में विद्यार्थियों ने पेश किया सौर ऊर्जा संचालित सैटेलाइट और टाइटन की जानकारी हासिल करनेवाला उपग्रह
  • बेहतरीन मॉडल प्रस्तुत करनेवाले विद्यार्थियों को दिए गए पुरस्कार
  • साइंटिफिक टेंपरामेंट विकसित करने का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क, मुंबई. वरली स्थित नेहरू साइंस सेंटर में शुक्रवार को आयोजित कॉस्मिक फेस्ट 2024 में विद्यार्थियों ने सैटेलाइट के एक से बढ़कर एक मॉडल पेश किए। जिसे देखकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक सैम दयाला भी बेहद प्रभावित हुए। इस प्रतियोगिता में कुल 22 स्कूलों की टीम ने हिस्सा लिया। इस दौरान वैज्ञानिकों ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।

सौर ऊर्जा संचालित उपग्रह बनाया

यहां सैटेलाइट बनाकर प्रस्तुत करनेवालों में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली तसनीम राईन भी थीं। राईन वैसे तो डॉक्टर बनना चाहतीं हैं लेकिन उन्होंने स्कूल के अपने पांच दोस्तों के साथ ऐसा उपग्रह बनाया है जो सौर ऊर्जा की मदद से सितारों के चक्कर लगा सकता है। नालासोपारा स्थित यूएस ओस्तवाल स्कूल की छात्रा राईन के साथ इसे तैयार करने में शामिल अंगद यादव ने कहा कि हमने इसमें ऐसे सेंसर लगाए हैं, जिससे सूर्य की रोशनी जिस दिशा में होगी सोलर पैनल उसी दिशा में घूम जाएगा। इस तरह उपग्रह को हमेशा ऊर्जा मिलती रहेगी।

उपग्रह मॉडल और पेंटिंग का प्रदर्शन

विक्रोली स्थित उदयाचल स्कूल के विद्यार्थियों की टीम के मानस मधभवी ने कहा कि हमने शनि के दूसरे सबसे बड़े उपग्रह टाइटन की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए एक उपग्रह तैयार किया है। इसमें चार तरह के सेंसर लगाए गए हैं जिससे वहां के वातावरण, तापमान, वहां मौजूद रसायनों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। उपग्रहों के अलावा विद्यार्थियों ने अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़ी पेंटिंग भी तैयार कर प्रदर्शित की थी।

साइंटिफिक टेंपरामेंट विकसित करने का लक्ष्य

नेहरू प्लानेटेरियम के निदेशक अरविंद परांजपे ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अंतरिक्ष विज्ञान में विद्यार्थियों की रुचि बढ़े। हम भारतीय पारंपरिक रुप से अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े हुए हैं। हमारे त्योहार भी खगोल पर आधारित हैं। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के लिए बेहद उपयोगी हैं। होमी भाभा विज्ञान शिक्षा केंद्र के निदेशक प्रोफेसर अर्नब भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से हम विद्यार्थियों में साइंटिफिक टेंपरामेंट विकसित करना चाहते हैं। वे किसी भी क्षेत्र में जाएं लेकिन उनकी सोच विज्ञान से जुड़ी होनी चाहिए। बच्चों में नैसर्गिक रुप से जिज्ञासा होती है जिसे हम और विकसित कर सकते हैं।

अंतरिक्ष तकनीकी की जानकारी दी

एजु-टेक की संस्थापक मुमताज सईद ने कहा कि हम विद्यार्थियों में खगोल और अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी देना चाहते हैं। इस प्रतियोगिता में मुंबई और आसपास के कई स्कूलों ने हिस्सा लिया। हमने विद्यार्थियों को बताया कि अंतरिक्ष तकनीक कैसे काम करती है।

Created On :   26 April 2024 4:28 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story