महाराष्ट्र: लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहे हैं मंत्रालय के अधिकारी

लोकसभा चुनाव आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहे हैं मंत्रालय के अधिकारी
  • ढाई माह के लिए ठप हो जाएगा नया कामकाज
  • चुनाव की वजह से काम के बोझ से परेशान हैं अधिकारी-कर्मचारी
  • मंत्रालय में जुट रही भारी भीड़

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह "कौशिक'। लोकसभा चुनाव घोषित होने का इंतजार तो सभी को है पर मंत्रालय के कर्मचारी-अधिकारी इस दिन का बड़ी शिद्दत से इंतजार कर रहे हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद करीब ढाई माह के लिए सरकार कोई नए कार्य नहीं कर पाएगी। इस लिए सरकार लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ज्यादा से ज्यादा पेंडिग काम पूरा करा लेना चाहती हैं। इस वजह से मंत्रालय के कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्य का बोझ बेहद बढ़ गया है। इन दिनों आधी रात तक मंत्रालय के कई विभागों में काम काज चल रहा है। आमतौर पर राज्य मंत्रिमंडल की बैठक सप्ताह में एक बार होती है और इन बैठकों में चार-छ फैसले होते हैं, पर इस सप्ताह हुई मंत्रिमंडल की दो बैठकों में 48 फैसले लिए गए हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि हम बड़ी बेसब्री से चुनाव आचार संहिता लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद ही हम राहत की सांस ले सकेंगे। मंत्रालय में तेजी से काम निपटाए जा रहे हैं। इसके चलते रात 12 बजे तक कार्य करना पड़ रहा है। मंत्रालय के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने बताया कि हम पहले से तय कामों के लिए तेजी से वर्क आर्डर जारी करने में जुटे हैं। चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद यह कार्य करीब ढाई महिने के लिए रुक जाएगा। इससे कई जरुरी कार्य अटक जाएंगे।

मंत्रालय में जुट रही भारी भीड़

अपने विभिन्न कार्यों के लिए मंत्रालय आने वाले आम लोगों की भी भीड़ इन काफी बढ़ गई है। लोग चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले अपने कार्य पूरे करा लेना चाहते हैं। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि लोग हमारे पास आकर चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देकर अपना कार्य जल्द से जल्द करने की गुजारिश कर रहे हैं पर हमारी भी सीमाएं हैं। स्टाफ वही है, ऐसे में चुनाव आचार संहिता की वजह से सभी के कार्य एक साथ किया जाना कैसे संभव है। नागपुर से अपने काम के सिलसिले में मंत्रालय आए मनोज जाधव कहते हैं कि फिलहाल अपने कामकाज को लेकर विदर्भ से मंत्रालय आने वाले डर-डर कर घर से मुंबई के लिए रवाना होते हैं कि उनके ट्रेन में रहने के दौरान ही चुनाव आचार संहिता न लागू हो जाए। एक अधिकारी ने बताया कि दो दिन पहले कैबिनेट बैठक के दिन कैबिनेट हाल की हालत दादर के रेलवे प्लेटफार्म जैसी हो गई थी। आम लोगों के अलावा इन दिनों में सबसे ज्यादा भीड़ ठेकेदारों की जुट रही है। वे अपने ठेके लिए चुनाव घोषित होने से पहले वर्क आर्डर हासिल कर लेना चाहते हैं। हालांकि इन दिनों मंत्री मंत्रिमंडल की बैठक के दिन ही मंत्रालय में नजर आ रहे हैं। बाकी समय वे अपने-अपने इलाकों में चुनाव तैयारी में जुट गए हैं।

10 मार्च को घोषित हो गए थे चुनाव

पिछले लोकसभा चुनाव (2019) के समय 10 मार्च को आम चुनाव का एलान करते हुए देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू कर दी गई थी। पर इस बार इसमें देरी हो रही है। राजनीतिक दल पूरी तरह से चुनावी मोड़ में आ गए हैं। उम्मीदवारों के नाम भी घोषित हो रहे हैं। पर चुनाव आचार संहिता लागू न होने से सत्ताधारी दल मजे से सरकार मशीनरी का इस्तेमाल छुपे तौर पर चुनाव प्रचार के लिए कर रहे हैं। देश में चुनाव का एलान कब होगाॽ इसका सही जवाब किसी के पास नहीं है। फिलहाल चुनाव की घोषणा एक-एक दिन आगे बढ़ रही है।

क्या है आदर्श चुनाव आचार संहिता

चुनाव घोषित होने के साथ ही संबंधित क्षेत्र में चुनाव आचार संहिता लागू कर दी जाती है। इसके उद्देश्य यह होता है कि सरकारी कामकाज से मतदाताओं को प्रभावित न किया जा सके। हालांकि आदर्श चुनाव आचार संहिता के नाम पर जरूरी काम नहीं रोके जा सकते हैं। जो विकास कार्य पहले चल रहे हैं, उन्हें बंद नहीं किया जा सकता। राशनकार्ड में संशोधन, आर्म्स हथियार, ड्राइविंग लाइसेंस आदि का नवीनीकरण, जाति, आयकर, मूल निवास प्रमाण पत्र बनाने और जमीनों की रजिस्ट्री जैसे काम करने पर कोई रोक नहीं होती। चुनाव आचार संहिता लगने का मतलब यह नहीं है कि किसी का कोई काम ही नहीं होगा। हालांकि चुनाव आचार संहिता के नाम पर सरकारी अधिकारी सरकारी कार्यों पर रोक लगा देते हैं। तहसील से लेकर राज्य मुख्यालय तक सभी को एक ही तरह का जवाब मिलते हैं कि चुनाव के बाद में आना।

इन कार्यों पर नहीं रहती रोक

• हथियार लाइसेंस का नवीनीकरण। राशनकार्ड में किसी का नाम जोडऩा, हटाना, पता बदलना या नवीनीकरण करना।

• जाति, रिहायश (मूल निवास) और आय प्रमाण पत्र जारी करना।

• संपत्ति खरीद-बिक्री रजिस्ट्री करना।

• नया ड्राइविंग लाइसेंस बनाना अथवा नवीनीकरण करना।

• विकास के जो काम आचार संहिता लागू होने के पहले शुरू हो चुके थे, वे जारी रहेंगे। इसमें सड़कों की मरम्मत अथवा नई सड़क बनने का काम जारी रह सकता है।

इन पर रहेगी रोक

• पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते। नए राशन कार्ड नहीं बनाए जा सकते।

• नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बन सकता। बीपीएल के पीले कार्ड नहीं बनाए जा सकेंगे।

• किसी भी काम का नया ठेका नहीं दिया जा सकता। सांसद निधि, विधायक निधि अथवा जन प्रतिनिधियों के कोष से होने वाले काम रोक दिए जाएंगे।

• कोई भी नया काम शुरू नहीं होगा। किसी नए काम के लिए टेंडर भी नहीं खोले जाएंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी।

जब आचार संहिता उलंघन पर रद्द हो गए थे चुनाव

वर्ष 1993 में, केंद्रीय चुनाव आयोग ने हरियाणा में कालका विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव को इस आधार पर रद्द कर दिया था कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए कुछ नई परियोजनाओं की घोषणा कर दी गई थी। लगभग इसी समय चुनाव आयोग ने तमिलनाडू राज्य के रानीपेट विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव को भी रद्द कर दिया था। क्योंकि राज्य के तत्कालिन मुख्यमंत्री ने भी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते कुछ नई परियोजनाओं की घोषणा कर दी थी।

Created On :   15 March 2024 1:58 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story