Mumbai News: एमएसआरटीसी की बस से हुई दुर्घटना में पैर गंवाने वाली 50 वर्षीय महिला को 47 लाख मुआवजा देने का निर्देश

एमएसआरटीसी की बस से हुई दुर्घटना में पैर गंवाने वाली 50 वर्षीय महिला को 47 लाख मुआवजा देने का निर्देश
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने 50 वर्षीय महिला को 47 लाख मुआवजा देने का दिया निर्देश
  • एमएसआरटीसी की बस से हुई दुर्घटना में एक पैर गंवाया
  • दिव्यांग होने के कारण महिला को स्कूल में अपनी चपरासी की नौकरी गंवानी पड़ी

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (एमएसआरटीसी) की बस से हुई दुर्घटना में एक पैर गंवाने वाली 50 वर्षीय कुंदा बलिराम मोरे को 47 लाख 66 हजार 182 रुपए मुआवजा देने का निर्देश दिया है। अदालत ने एमएसआरटीसी की याचिका को खारिज करते हुए मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) के फैसले को बरकरार रखा है। दिव्यांग होने के कारण मोरे को स्कूल में अपनी चपरासी की नौकरी गवनी पड़ी थी।

न्यायमूर्ति आर.एम. जोशी की एकल पीठ ने एमएसआरटीसी की याचिका पर कहा कि ट्रिब्यूनल ने 60 फीसदी ऑक्यूपेशनल डिसेबिलिटी है और दावेदार को मुआवजा दिया है। महिला के दाहिने पैर के घुटने के नीचे का हिस्सा कटा हुआ है। ट्रिब्यूनल ने इस मुद्दे पर विचार किया और दावेदार की दिव्यांगता को 60 फीसदी काम से जुड़ी दिव्यांगता के रूप में स्वीकार करने के लिए ठोस कारण दर्ज किए। मामले के तथ्यों और रिकॉर्ड में मौजूद सबूतों पर गौर करने के बाद इस अदालत को लगता है कि ट्रिब्यूनल ने इस नतीजे पर पहुंचने के लिए जो तर्क रिकॉर्ड किए हैं, वे सही और उचित हैं और उनमें किसी दखल की जरूरत नहीं है।

28 अप्रैल 2018 को कुंदा बलिराम मोरे (दावेदार) एमएसआरटीसी बस से सफर कर रही थी। जिस बस में वह सफर कर रही थी, वह पूरी तरह से ट्रैफिक नियमों को फॉलो करते हुए चल रही थी। आरोप है कि एमएसआरटीसी की दूसरी बस दूसरे दिशा से आई और तेज स्पीड में उनकी बर को टक्कर मार दी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी। इन चोटों की वजह से उसका दाहिना पैर घुटने के नीचे से काटना पड़ा था। वह रायगढ़ के श्रीवर्धन स्थित सोनी हाई स्कूल में चपरासी की नौकरी करती थी। उन्हें खराब सेहत की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था।

2012 पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हादसा- एमएसीटी ने मुंबई के बिजनेसमैन के परिजनों को 18 करोड़ बीमा कंपनी और ट्रक मालिक को मुआवजा देने का दिया निर्देश

उधर पुणे के मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) ने एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी और एक ट्रक के मालिक को 1 मार्च 2016 पिटीशन फाइल करने की तारीख से 7.5 फीसदी सालाना ब्याज के साथ 10 करोड़ 95 लाख रुपए का 2012 में पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर हुए हादसे मारे गए मुंबई के बिजनेसमैन के परिजनों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। ट्रिब्यूनल ने ट्रक ड्राइवर की पूरी तरह से लापरवाह को हादसे का कारण माना है। मुंबई में विले पार्ले (प.) के बिजनेसमैन राजीव विनोद शाह (41) की मौत 9 जनवरी 2012 को पुणे-मुंबई एक्सप्रेसवे पर कई गाड़ियों की टक्कर से हो गई थी। ब्याज के साथ कुल मुआवजा राशि 18 करोड़ रुपए से अधिक होता है।

शाह अपनी कार से मुंबई से पुणे जा रहे थे। पुणे से मुंबई जा रहे एक ट्रक ने एक दूसरी कार को टक्कर मार दी, जो सड़क के बीच के हिस्से से टकराकर पुणे जाने वाले कॉरिडोर की दूसरी लेन में आ गई और शाह की कार से सीधी टकरा गई। शाह की गाड़ी के पीछे चल रही महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन की एशियाड बस ने उनकी कार को टक्कर मार दी।

Created On :   26 Nov 2025 9:57 PM IST

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