Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवडी फोर्ट के 48 रहवासियों को नहीं मिली राहत

बॉम्बे हाई कोर्ट से शिवडी फोर्ट के 48 रहवासियों को नहीं मिली राहत
  • शिवडी फोर्ट के पास 30 साल से रहे 48 झोपड़ा धारकों के 4 महीने में खाली करने होंगे घर
  • अदालत ने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) के रहवासियों के अवैध बने झोपड़ों को खाली करने की नोटिस को रद्द करने से किया इनकार

Mumbai News. शिवडी के फोर्ट रोड स्थित राजीव गांधी वसाहत के 48 रहिवासियों को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। अदालत ने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (बीपीटी) के उन्हें घर (झोपड़े) खाली करने की दी गई नोटिस को रद्द करने से इनकार कर दिया। अब रहिवासियों को 4 महीने में घर खाली करना होगा। अदालत ने माना कि याचिकाकर्ताओं को एमबीपीटी की भूमि पर अतिक्रमण जारी रखने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। यह इंगित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि परिसर के संबंध में याचिकाकर्ताओं के पक्ष में कोई पट्टा, लाइसेंस या आवंटन था।

याचिकाकर्ताओं के वकील आर.के.शर्मा ने दलील दी कि शिवडी न्हावा शेवा ट्रांस हरबर लिंक परियोजना के निर्माण के दौरान शिवडी के झोपड़ों को तोड़ दिया गया था। मुंबई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और एमबीपीटी के बीच इस परियोजना के निर्माण में विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर समझौता हुआ था। वे 30 वर्षों से शिवडी के फोर्ट रोड स्थित राजीव गांधी वसाहत में रह रहे हैं।

न्यायमूर्ति अजय गडकरी और न्यायमूर्ति डॉ.नीला गोखले की पीठ ने कहा कि याचिका में जिस नोटिस पर आपत्ति जताई गई थी, वह 30 अक्टूबर 2023 की तारीख का था। एमबीपीटी ने रहिवासियों को नोटिस जारी कर 4 महीने में उन्हें घर (झोपड़ा) खाली करने का निर्देश दिया था। इससे पहले पीठ ने रहवासियों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था और उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के पास भी उस परिसर पर कब्जा करने के लिए अपने कानूनी अधिकारों या हक को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है। इसलिए हम इन याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मूल याचिका में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।

Created On :   20 May 2025 10:27 PM IST

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