- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- अब टैटू बनाने से पहले करानी पड़ सकती...
Mumbai News: अब टैटू बनाने से पहले करानी पड़ सकती है एचआईवी जांच
- नए एचआईवी संक्रमितों में 75 फीसदी 15-49 वर्ष आयु वर्ग के
- कुल नए संक्रमितों में 31 फीसदी महिलाएं
- 95 फीसदी लोगों को असुरक्षित यौन संबंध के कारण संक्रमण
Mumbai News टैटू पार्लर में आप यदि टैटू बनाने जा रहे हैं और टैटू आर्टिस्ट आपको एचआईवी जांच कराने के लिए कहता है तो चौंकिए मत, क्योंकि आगामी वर्ष से यह कहा जा सकता है। हालांकि टैटू कराने से पहले एचआईवी टेस्ट कराना भले ही अनिवार्य नहीं होगा लेकिन सुरक्षा के लिहाज से जांच कराना इस बीमारी से बचाव के लिए कारगर कदम हो सकता है। एचआईवी की रोकथाम के लिए और भी कदम मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसायटी (एमडेक्स) की ओर से उठाए जानेवाले हैं। एक सर्वे के मुताबिक नए एचआईवी संक्रमितों में 75 फीसदी 15 से 49 आयु वर्ग के होते हैं। जिसमें 31 फीसदी महिलाओं का समावेश हैं। जबकि असुरक्षित यौन संबंध अभी भी एचआईवी संक्रमण के प्रसार का बड़ा कारण है। 95 फीसदी लोगों में एचआईवी संक्रमण इसी कारण फैलता है।
हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस बीमारी से बचाव के लिए इस दिन बड़े स्तर पर जनजागृति की जाती है। इस कड़ी में अब एमडेक्स की ओर से टैटू पार्लरों के मालिकों को एड्स के प्रति जागरूक किया जाएगा। एमडेक्स के अतिरिक्त परियोजना निदेशक डॉ. विजय करंजकर ने बताया कि टैटू गुदवाने के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। खासकर, यदि टैटू आर्टिस्ट और सेंटर सुरक्षित और स्वच्छ प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं, तो यह एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों के फैलने का कारण बन सकता है। इसका ताजा उदाहरण उत्तरप्रदेश में हाल ही में देखने को मिला था। जहां शरीर पर टैटू बनाने की वजह से कई महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गई थीं। यही वजह है कि अब एमडेक्स टैटू सेंटरों के आर्टिस्टों के साथ चर्चा करेगी।
जांच कराने की अपील पर जोर : डॉ. विजय ने बताया कि इस बैठक में टैटू आर्टिस्ट को एचआईवी संक्रमण को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके साथ ही टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल में आनेवाले उपकरणों को स्टेरिलाइज करने के लिए कहा जाएगा। उन्होंने बताया कि अगर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति टैटू बनवाने के लिए किसी सेंटर में आता है और आर्टिस्ट उस पर उपयोग किये गए सिरिंज या अन्य उपकरणों का दूसरे ग्राहक पर पुनः उपयोग करता है, तो इससे संक्रमण फैलने का खतरा पैदा हो सकता है।
40,658 मरीज उपचार पर : वर्तमान में एचआईवी एड्स के साथ जी रहे 40,658 लोगोंका उपचार चल रहा है। इसमें से33,247 मरीज (82%) फर्स्ट लाइन पर, 3618 मरीज (9%) दूसरे लाइन पर और 497 मरीज (1%) तीसरे लाइन की उपचार पद्धति पर हैं। इसके साथ ही 2,713 मरीज (7%) फर्स्ट लाइन की वैकल्पिक उपचार पद्धति पर और 583 मरीज (1.4%) दूसरे लाइन की वैकल्पिक दवाओं पर है।
घट रहा एचआईवी का ग्राफ
वर्ष एचआईवी टेस्टिंग संक्रमित पाए गए फीसदी
2019-20 6,49,824 4,617 0.7
2020-21 3,50,705 2153 0.6
2021-22 5,37,366 3179 0.6
2022-23 6,48,870 3462 0.5
2023-24 7,29,309 3383 0.5
Created On :   30 Nov 2024 8:10 PM IST