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Mumbai News: सरकार गटर से मैला निकालने के लिए 100 करोड़ की रोबोटिक मशीनरी खरीदेगी

- 4 साल में मैला और कचरा साफ करने वाले 18 लोगों की हुई मौत
- मुआवजा 30 लाख किया गया
- प्रदेश पास के लिए दस हजार रुपए रेट कार्ड - शशिकांत शिंदे
Mumbai News. महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गटर और नालों से हाथ से मैला साफ करने पर प्रतिबंध है, लेकिन बावजूद इसके राज्य में साल 2021 से लेकर 2024 तक परभणी, सातारा, ठाणे और पुणे में 18 लोगों की मौत हुई है। हालांकि पिछले पांच वर्षों में मुंबई में हाथ से मैला साफ करने के मामले में कोई मौत नहीं हुई है। शुक्रवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने एक प्रश्न के जवाब में सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि हाथ से मैला साफ करना एक गंभीर मामला है। इसको लेकर राज्य की सभी नगरपालिकाओं और महानगरपालिकाओं से रिपोर्ट मांगी गई है। शिरसाट ने कहा कि राज्य सरकार ने मैला साफ करने के लिए 100 करोड़ रुपए रोबोटिक मशीने खरीदने के लिए जारी किए गए हैं। जिससे शहरों के बड़े गटर और नाले साफ किए जाएंगे। इस प्रक्रिया में 3 महीने का समय लगेगा। शिरसाट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने मैला साफ करने के दौरान होने वाली मौत के बदले में मुआवजे की राशि को 30 लाख तक बढ़ाने का ऐलान किया है
भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि वर्षों से महाराष्ट्र में हाथ से मैला साफ करने की प्रक्रिया चली आ रही है। जिसकी वजह से पिछले चार वर्षो में 18 लोग मैला साफ करने के दौरान अपनी जान से हाथ धो बैठे हैं। सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री शिरसाट ने कहा कि एक सर्वे के मुताबिक राज्य के 7 हजार 378 लोगों ने हाथ से मैला साफ करने के लिए स्वयं घोषित अर्जी दाखिल की थी। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा कुल 6 हजार 324 व्यक्तियों के बैंक खाते में 40 हजार रुपए प्रति व्यक्ति की रकम जमा की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए सरकार गंभीर है और इसी को देखते हुए राज्य सरकार में 100 करोड़ रुपए जारी कर रोबोटिक मशीनरी खरीदने का फैसला किया है। इससे सफाई कर्मियों को नालों एवं गटर से हाथ से मैला नहीं निकालना पड़ेगा। शिरसाट ने कहा कि साल 2021 से लेकर 2024 तक राज्य में 18 व्यक्तियों की मौत मैला साफ करने से हुई है। जिन्हें सरकार के नियम के अनुसार मुआवजा भी दिया जा चुका है। हालांकि राज्य सरकार ने अब मुआवजे की राशि को 30 लाख तक बढ़ाने का फैसला किया है, ताकि मृतकों के परिजनों को उचित लाभ मिल सके।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने महाराष्ट्र की सीवर पाइप लाइनों की सफाई को हाथ से पूरी तरह से रोकने के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम लागू करने की भी घोषणा की। अजित ने कहा कि सरकार इसके लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराएगी ताकि महाराष्ट्र में मैला ढोने की प्रथा को पूरी तरह से बंद किया जा सके। अजित ने कहा कि इस योजना पर 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मैला ढोने वाले सफाई कर्मियों को घर की सुविधा मिले, इसको लेकर राज्य सरकार की अगली कैबिनेट बैठक में इस पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ बैठकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को न्याय मिले इसके लिए राज्य सरकार के 150 दिनों के कार्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा।
प्रदेश पास के लिए दस हजार रुपए रेट कार्ड - शशिकांत शिंदे
विधान परिषद में राकांपा (शरद) के विधायक शशिकांत शिंदे ने दावा करते हुए विधानमंडल के प्रवेश पास के लिए पांच से दस हजार रुपए रेड कार्ड है। उन्होंने कहा कि आगंतुकों को पांच से दस हजार रुपए में पास बेचा जाता है। इस पर भाजपा विधायक प्रवीण दरेकर ने आपत्ति जताई। जिसके बाद शिवसेना (उद्धव) के विधायक अनिल परब ने कहा कि हम सरकार की इज्जत रखने के लिए चुप हैं। यदि हमने उकसाने का प्रयास किया गया तो पोल खोल देंगे। जिसके बाद प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि विपक्ष के विधायकों को सबूत देना चाहिए। सरकार जांच के लिए तैयार है।
Created On :   18 July 2025 9:22 PM IST