Mumbai News: बीएमसी - कलेक्टर को हवाई अड्डे के पास अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पूरा करने का आदेश

बीएमसी - कलेक्टर को हवाई अड्डे के पास अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पूरा करने का आदेश
  • अदालत ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश
  • 18 जून को मामले की अगली सुनवाई
  • बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेईई एडवांस 2025 में शामिल होने के लिए आईआईटी उम्मीदवारों की याचिका की खारिज

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) और मुंबई के जिला कलेक्टर को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास इमारतों के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। अदालत ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। 18 जून को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम.एस.कार्णिक की पीठ के समक्ष सामाजिक कार्यकर्ता यशवंत शेनॉय की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश हुए यशवंत शेनॉय ने दलील दी कि मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास इमारतों का निर्माण सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन कर किया गया है, जो विमानों के लिए खतरा पैदा करते हैं। उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। शेनॉय ने पीठ के संज्ञान में लाया कि पिछले दो सुनवाई से नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) के प्रतिनिधि की पेश नहीं हुए। इससे पहले पीठ ने डीजीसीए से उन इमारतों की अपील पर निर्णय लेने को कहा था, तो जिनकी ऊंचाई सीमा से अधिक है। मुंबई के कलेक्टर की ओर से पेश वकील ने कहा कि आठ इमारतों में दो इमारतों के अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जल्द ही 6 इमारतों के अवैध निर्माण के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पीठ ने बीएमसी और कलेक्टर को कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। 18 जून को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने जेईई एडवांस 2025 में शामिल होने के लिए आईआईटी उम्मीदवारों की याचिका की खारिज

उधर बॉम्बे हाईकोर्ट ने जेईई एडवांस 2025 में शामिल होने के लिए आईआईटी उम्मीदवारों की याचिका खारिज कर दी। आईआईटी उम्मीदवारों ने जेईई मेन में उत्तीर्ण न होने के बावजूद संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) एडवांस 2025 में शामिल होने की अनुमति का अनुरोध किया था। 26 मई को जेईई एडवांस 2025 की परीक्षा होगी। न्यायमूर्ति नितिन बोरकर और न्यायमूर्ति कमल खाता की पीठ ने आईआईटी उम्मीदवारों की याचिका पर अपने फैसला में कहा कि वह विशेष अनुमति नहीं दे सकती, क्योंकि अधिकारियों द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंड सभी उम्मीदवारों पर समान रूप से लागू होने चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत कठिनाइयों का हवाला देते हुए पात्रता मानदंडों में छूट का अनुरोध किया था, जिससे उनके जेईई मेन 2025 के प्रदर्शन पर असर पड़ा था। हालांकि पीठ ने कहा कि व्यक्तिगत कठिनाइयां स्थापित नियमों को दरकिनार करने का आधार नहीं हो सकतीं। पीठ ने टिप्पणी की कि यदि याचिकाकर्ताओं को अनुमति दी जाती है, तो यह एक असामान्य स्थिति पैदा करेगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और आईआईटी मद्रास जेईई एडवांस 2025 का आयोजन कर रहा है। एनटीए ने याचिका का विरोध करते हुए इस बात पर जोर दिया था कि अपवादों की अनुमति देने से राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा प्रक्रिया की निष्पक्षता से समझौता होगा। पीठ ने एनटीए की दलील को स्वीकार करते हुए कहा कि परीक्षा की विश्वसनीयता और अखंडता बनाए रखने के लिए पात्रता की शर्तें महत्वपूर्ण हैं। जीईई एडवांस 2025 की परीक्षा 26 मई को निर्धारित की गई है, जिसमें जेईई मेन के केवल शीर्ष ढ़ाई लाख उम्मीदवार उपस्थित हो सकते हैं।

Created On :   6 May 2025 8:03 PM IST

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