Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट में 99 हजार या 35 हजार फेरीवालों के पात्र और अपात्र में उलझी बीएमसी

बॉम्बे हाई कोर्ट में 99 हजार या 35 हजार फेरीवालों के पात्र और अपात्र में उलझी बीएमसी
  • 8 मई को स्वत: संज्ञान (सुमोटो) याचिका पर अगली सुनवाई
  • अदालत का बीएमसी को लाइसेंस प्राप्त हॉकर्स को ही फुटपाथ पर धंधा करने की इजाजत देने का निर्देश

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट में 99 हजार या 33 हजार फेरीवालों के पात्र और अपात्र को लेकर मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) उलझी हुई है। अदालत में बुधवार को सुनवाई के दौरान बीएमसी यह बताने में नाकाम रही कि उसके 1 मई 2014 को कराए गए सर्वे में 99 हजार 435 फेरीवालों के आवेदन को स्वीकार किया था, तो उसके बाद बीएमसी के सर्वे में 33 हजार फेरीवालों को ही केवल पात्र पाया गया है।

न्यायमूर्ति अजय गडकर और कमल खता की पीठ के समक्ष स्वत: संज्ञान (सुमोटो) याचिका पर सुनवाई के दौरान बीएमसी की ओर से पेश राज्य के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि बीएमसी ने 1 मई 2014 को शहर में धंधा करने वाले फेरीवालों का सर्वे कराया था, जिसमें 1 लाख 28 हजार 443 फेरीवालों को फार्म दिए गए थे। इनमें से 99 हजार 435 फेरीवालों ने बीएमसी के पास अपने फार्म जमा किए थे। बाद में सर्वे कर फेरीवालों के वोटर कार्ड और बीएमसी की पावती समेत अन्य कागजातों की छानबीन की गई। इसके बाद 33 हजार फेरीवालों को पात्र ठहराया गया है। पीठ ने बीएमसी के वकील सिंह से पूछा कि जब टाउन वेंडिंग कमेटी (टीवीसी) का चुनाव हुआ था, तो उसमें 99 हजार या 33 हजार फेरीवाले शामिल हुए थे।

हॉकर्स यूनियन की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया कि बीएमसी के पहले किए गए सर्वे में 99 हजार फेरीवालों को पात्र किया गया था। याचिका में अदालत से पहले के फेरीवालों के सर्वे को स्वीकार करने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने 8 मई को भी मामले की सुनवाई रखी है।

Created On :   7 May 2025 9:43 PM IST

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