मंत्रिमंडल की मंजूरी: मीरा-भायंदर मनपा को जलापूर्ति योजना के लिए 116 करोड़ 28 लाख कर्ज, एलिफेंटा द्वीप का होगा कायाकल्प, अकोला घोंगा और कानडी लघु सिंचाई परियोजना की होगी मरम्मत

मीरा-भायंदर मनपा को जलापूर्ति योजना के लिए 116 करोड़ 28 लाख कर्ज, एलिफेंटा द्वीप का होगा कायाकल्प, अकोला घोंगा और कानडी लघु सिंचाई परियोजना की होगी मरम्मत
  • इंटेलिजन्स ब्यूरो के कर्मियों को घर बनाने पनवेल में जमीन
  • एलिफेंटा द्वीप का होगा कायाकल्प
  • प्रदेश में जनगणना के लिए समिति का गठन
  • सिंचाई योजना के किसानों को दो साल तक लागू रहेगी सहूलियत बिजली दर
  • अकोला घोंगा और कानडी लघु सिंचाई परियोजना की मरम्मत कार्य को मंजूरी

Mumbai News. राज्य मंत्रिमंडल ने विभिन्न महानगर पालिकाओं को विकास परियोजनाओं को पूरा करने को लेकर स्ववित्तपोषित निधि जुटाने के लिए हुडको से दो हजार करोड़ रुपए लेने को मंजूरी प्रदान की है। इससे मीरा-भायंदर मनपा को केंद्र सरकार की कंपनी आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड (हुडको) से जलापूर्ति परियोजना के लिए 116 करोड़ 28 लाख रुपए कर्ज जुटाना संभव हो सकेगा। मंगलवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। मंत्रिमंडल ने हुडको से छत्रपति संभाजीनगर महानगर पालिका को जलापूर्ति परियोजना के लिए 822 करोड़ 22 लाख रुपए और नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण की चार सीवेज परियोजनाओं के लिए 268 करोड़ 84 लाख रुपए कर्ज लेने को मंजूरी दी है। राज्य के विभिन्न महानगर पालिका क्षेत्रों में केंद्र सरकार के अमृत 2.0, स्वच्छ भारत अभियान 2.0, महाराष्ट्र सुवर्ण जयंती नगरोत्थान महाअभियान व अन्य योजनाओं और राज्य स्तर की आधारभूत सुविधा परियोजनाओं का काम किया जा रहा है। लेकिन यह परियोजनाएं निधि के अभाव में प्रलंबित रहने के बजाय समय पर हो। इसके लिए महाराष्ट्र आधारभूत सुविधा विकास कर्ज योजना और उसके माध्यम से निधि जुटाने की कार्यपद्धति निश्चित की गई है। इसके तहत मीरा-भायंदर समेत अन्य महानगर पालिकाओं को अपने हिस्से की निधि जुटाने के लिए हुडको से कर्ज लेने को मंजूरी दी गई है।

इंटेलिजन्स ब्यूरो के कर्मियों को घर बनाने पनवेल में जमीन

केंद्र सरकार के सब्सिडियरी इंटेलिजेंस ब्यूरो (एसआईबी) रायगड के पनवेल तहसील के आसुडगाव में सरकारी गौचर की चार हेक्टेयर जमीन देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस जमीन पर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के सब्सिडियरी इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सेवा और निवास स्थान बनाया जाएगा। आसुडगाव के सर्वे नंबर 33 की 4 हेक्टेयर जमीन रेडीरेकनर दर की 50 प्रतिशत राशि वसूल कर दी जाएगी।

एलिफेंटा द्वीप का होगा कायाकल्प, सलाहकारों की नियुक्ति के लिए सिडको ने जारी किया टेंडर

विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात एलिफेंटा द्वीप के विकास के लिए सिडको ने टेंडर जारी किया है। मास्टर प्लानिंग और इकोनॉमिक मॉडलिंग के लिए एक सलाहकार नियुक्त किए जाएंगे। एलिफेंटा द्वीप एक विश्व धरोहर स्थल है। एलिफेंटा द्वीप के विकास के लिए पुरातत्व विभाग, महाराष्ट्र पर्यटन विकास निगम, आईटीडीसी, बंदरगाह विभाग, गैर सरकारी संगठनों, स्थानीय ग्राम पंचायतों और विभिन्न सरकारी विभागों के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। इससे एलिफेंटा द्वीप के विकास और पर्यटकों को होने वाली विभिन्न समस्याओं और असुविधाओं को दूर करने में कुछ हद तक सफलता मिली है। एलिफेंटा द्वीप चार लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें सबसे बड़ा भू-भाग वन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है। जबकि कुछ भूमि पुरातत्व विभाग, नौसेना, बंदरगाह विभाग और स्थानीय किसानों के स्वामित्व में है। अब सिडको ने विश्व प्रसिद्ध एलीफेंटा द्वीप के विकास के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। सिडको ने एलीफेंटा और न्हावा द्वीपों पर पर्यटन के लिए मास्टर प्लानिंग और इकॉनामिक मॉडलिंग के लिए सलाहकार नियुक्ति करने जा रहा है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परामर्श सेवाएं प्रदान करने वाली अनुभवी कंपनियों से टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। सिडको के नियोजन विभाग अधिकारी प्रियदर्शन वाघमारे ने बताया कि एलीफेंटा और न्हावा द्वीपों पर विकास कार्यों की दिशा सलाहकार एजेंसी की सलाह के अनुसार ही तय की जाएगी। हालांकि, एलीफेंटा और न्हावा द्वीप समूह के स्थानीय निवासियों ने सिडको के इस हस्तक्षेप पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और सवाल उठाया है कि क्या वे भी नवी मुंबई के भूमिपुत्रों की तरह हमें परेशान करेंगे।

प्रदेश में जनगणना के लिए समिति का गठन

प्रदेश सरकार ने जनगणना-2027 के कामकाज और निगरानी के लिए मुख्य सचिव राजेश कुमार की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है। मंगलवार को राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने 14 सदस्यीय समिति बनाया है। राज्य के मुख्य प्रधान जनगणना अधिकारी तथा निदेशक समिति के संयोजक होंगे। समिति को जनगणना-2027 से संबंधित कामकाज की समीक्षा और केंद्रीय गृहमंत्रालय के महारजिस्ट्रार व जनगणना आयुक्त की ओर से दिए गए निर्देशों को लागू करना होगा। समिति को तीन महीने में कम से कम एक बार बैठक लेना अनिवार्य होगा। समिति के सदस्य के रूप में राज्य के गृह विभाग, वित्त विभाग, राजस्व विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, नगर विकास विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, योजना विभाग, सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग समेत अन्य विभागों के सचिवों को शामिल किया गया है। सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर जनगणना 2027 के कामकाज को सुलभ बनाने के लिए समिति का गठन किया गया है।

सिंचाई योजना के किसानों को दो साल तक लागू रहेगी सहूलियत बिजली दर

राज्य मंत्रिमंडल ने किसानों के लिए अतिउच्च दाब, उच्च दाब और लघुदाब उपसा (लिफ्ट) जलसिंचाई योजना के बिजली बिल में सहूलियत देने संबंधी योजना की अवधि और दो साल यानी मार्च 2027 तक बढ़ाने की मंजूरी दी है। राज्य में लगभग 1 हजार 789 उपसा सिंचाई योजना से जुड़े किसानों को फायदा होगा। सहूलियत योजना के तहत अतिउच्च दाब व उच्च दाब उपसा सिंचाई योजना के ग्राहकों को प्रति यूनिट 1.16 रुपए और स्थिर आकार प्रति महीने 25 रुपए (प्रति केवीए) और लघुदाब उपसा सिंचाई योजना के ग्राहकों को प्रति यूनिट एक रुपए और स्थिर आकार प्रति महीने 15 रुपए (प्रति हॉर्स पावर) दर 31 मार्च 2027 तक कायम रहेगी। सरकार की ओर से बिजली बिल में रियायत की भरपाई के लिए महावितरण को साल 2025-26 में 886 करोड़ 15 लाख और साल 2026-27 में 872 करोड़ 23 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।

अकोला घोंगा और कानडी लघु सिंचाई परियोजना की मरम्मत कार्य को मंजूरी

अकोला के मूर्तिजापुर तहसील के घोंगा व कानडी लघुसिंचाई योजना के मरम्मत कार्य के खर्च को प्रावधान करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। घोंगा परियोजना के मरम्मत के लिए 4 करोड़ 76 लाख 55 हजार 300 रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे 45 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण होगी। जबकि कानडी परियोजना के मरम्मत काम के लिए 4 करोड़ 92 लाख 32 हजार 968 रुपए मंजूरी दी गई है। इससे 46 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्माण होगी। घोंगा सिंचाई परियोजना का काम 1986 में पूरा हुआ था। जबकि कानडी सिंचाई परियोजना का काम 1977 में पूरा हुआ था। दोनों परियोजनाओं की पिचिंग खराब हो गई है। नहरों में पेड़ और झाड़ियां उग आई हैं। इसलिए दोनों परियोजनाओं के लिए मरम्मत कार्य करने को मंजूरी दी गई है।


Created On :   9 Sept 2025 9:45 PM IST

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