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Mumbai News: राज-उद्धव गठबंधन: दोनों ठाकरे बंधुओं में रिश्तेदारों के जरिए बातचीत शुरू

- प्रत्यक्ष रूप से राज और उद्धव के बीच नहीं शुरू हो सकी है कोई बातचीत
- ठाकरे बंधुओं के साथ आने की खबरें मीडिया की सुर्खियों में
Mumbai News जैसे-जैसे महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच सुलह की खबरों ने तेजी पकड़ ली है। सूत्रों का कहना है कि भले ही उद्धव और राज के बीच अभी तक सीधी बात नहीं हो पाई हो लेकिन दोनों ही भाइयों के रिश्तेदारों के जरिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने अपने और राज ठाकरे के बीच गठबंधन की खबरों को उस समय बल दे दिया था, जब उन्होंने कहा था कि वह अगले कुछ दिनों में संकेत नहीं बल्कि सीधी खबर देंगे।
क्या रिश्तेदार करवाएंगे सुलह? : उद्धव गुट के एक नेता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मीडिया में पिछले कई दिनों से उद्धव और राज ठाकरे के करीब आने की जो खबरें चल रही हैं, वह सच है। इस नेता ने कहा कि अभी तक न तो उद्धव ठाकरे ने राज ठाकरे या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य से संपर्क किया है और न ही राज ठाकरे की तरफ से हमसे कोई संपर्क स्थापित किया गया है। लेकिन यह सच है कि दोनों ही नेताओं को जानने वाले करीबी नेताओं ने इन दोनों ही नेताओं से एक साथ मुंबई महानगरपालिका समेत राज्य के अन्य स्थानीय चुनाव लड़ने को लेकर गुजारिश की है। इन करीबी नेताओं ने राज और उद्धव से बात कर बताया है कि जब शरद पवार खुलेआम अपने भतीजे अजित पवार के साथ जाने की बात कह सकते हैं तो फिर आप दोनों एक साथ कैसे नहीं आ सकते। दोनों ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने पर भले ही राज ठाकरे ने अभी तक अपनी ओर से कुछ नहीं कहा है लेकिन उद्धव ठाकरे तो तीन दिन पहले ही यह बता चुके हैं कि वह राज ठाकरे के साथ आने पर कोई संकेत नहीं बल्कि अगले कुछ दिनों में सीधे खबर देंगे। उद्धव के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में अर्थ निकाले जा रहे हैं कि मराठी के मुद्दे को लेकर दोनों ही भाई राज्य के आगामी स्थानीय चुनाव में एक साथ मैदान में उतर सकते हैं।
ठाकरे बंधुओं के साथ आने की खबर से सत्ताधारी परेशान : जब से ठाकरे बंधुओं के साथ आने की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनी हैं, तभी से भले ही सत्ताधारी दल के नेता पत्रकारों के सामने दोनों ठाकरे भाइयों के साथ आने को लेकर एक अच्छा कदम बता रहे हैं, लेकिन पर्दे के पीछे चिंतित दिखाई दे रहे हैं। दरअसल सत्ता पक्ष के लोगों को डर सता रहा है कि अगर उद्धव-राज दोनों एक साथ आ गए तो फिर मराठी वोट बैंक में सेंधमारी करना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि दोनों ही दलों की राजनीति की शुरुआत मराठी मानुस और मराठी वोट बैंक से ही शुरू हुई है।
मातोश्री पर उद्धव गुट की हुई बैठक : उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने की खबरों के बीच रविवार दोपहर मातोश्री पर शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत एवं पूर्व सांसद विनायक राऊत के अलावा बीएमसी चुनाव के निरीक्षकों की बैठक हुई, जिसमें आगामी बीएमसी चुनाव को लेकर चर्चा हुई। बैठक में उद्धव भी शामिल हुए। खबर है कि इस बैठक में ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने के बाद की परिस्थितियों पर चर्चा हुई।
उद्धव-राज के साथ शिंदे भी आएं- कीर्तिकर : उद्धव-राज ठाकरे के एक साथ आने की खबरों के बीच शिवसेना (शिंदे) पूर्व सांसद गजानन कीर्तिकर ने कहा है कि ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने के साथ-साथ एकनाथ शिंदे को भी उद्धव के साथ आना चाहिए। कीर्तिकर ने कहा कि जब दोनों भाई एकजुट हो सकते हैं तो फिर एक टूटी हुई पार्टी फिर से एक साथ क्यों नहीं जुड़ सकते। हालांकि शिंदे गुट की ओर से अभी तक कीर्तिकर के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।
Created On :   8 Jun 2025 7:49 PM IST