Mumbai News: सामाजिक न्याय और आदिवासी विभाग से लाड़ली बहन योजना को फिर डायवर्ट हुआ फंड

सामाजिक न्याय और आदिवासी विभाग से लाड़ली बहन योजना को फिर डायवर्ट हुआ फंड
  • पिछले तीन महीनों में दोनों विभागों से डायवर्ट हुए 1827 करोड़
  • मंत्रियों में नाराजगी , जी का जंजाल बनी योजना

Mumbai News महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी लाडली बहन योजना अब सरकार के लिए ही जी का जंजाल बनते जा रही है। इस योजना के तहत लाडली बहनों को हर महीने दी जाने वाली 1500 रुपए की रकम को सरकार ने अब दूसरे विभागों के बजट से लेकर देना शुरू किया है। लाडली बहन योजना का सबसे ज्यादा असर सामाजिक न्याय विभाग और आदिवासी विभाग पर पड़ा है। जिसके चलते पिछले तीन महीनों में इन दोनों विभागों से 1 हजार 827 करोड़ रुपया इस योजना के लिए डायवर्ट किया गया है। ऐसे में अब इन विभागों की अपनी योजनाओं को जारी रखने पर सवाल खुद इन विभागों के मंत्री उठा रहे हैं। लाडली बहन योजना के लिए मई महीने की किस्त में भी सामाजिक न्याय विभाग से 410.30 करोड़ रुपया डायवर्ट किया गया है, जिसको लेकर विभाग के मंत्री संजय शिरसाट ने एक बार फिर नाराजगी जताई है।

दो विभागों का 1827 करोड़ फंड हुआ डायवर्ट :लाडली बहन योजना के लिए लगातार दूसरी बार सामाजिक न्याय विभाग का फंड डायवर्ट किया गया है। पिछले दो महीनों में कुल 820 करोड़ 60 लाख रुपए इस योजना के लिए सरकार ने सामाजिक न्याय विभाग के खाते से बगैर विभाग के मंत्री को बताए डायवर्ट कर दिए। जबकि आदिवासी विभाग के खाते से लगातार तीसरी बार 335 करोड़ 70 लाख यानि कुल एक हजार 7 करोड़ 70 लाख रुपए स्थानांतरित हुआ। कुल मिलाकर दोनों विभागों से 1 हजार 827 करोड़ रूपया इस योजना के लिए अभी तक स्थानांतरित किया जा चुका है। अकेले सामाजिक न्याय विभाग के खाते से अगर प्रति महीना 410 करोड़ 30 लाख रुपए का फंड लाडली बहन योजना के लिए जारी होता रहा तो एक साल में करीब 6 हजार 765 करोड रुपया सामाजिक न्याय विभाग से लाडली बहन योजना के लिए डायवर्ट होगा।

इस वर्ष सामाजिक न्याय विभाग का घाटा सबसे ज्यादा : अगर राज्य सरकार के पिछले पांच सालों के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इस साल सामाजिक न्याय विभाग में सबसे ज्यादा घाटा देखा जा रहा है। वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल सामाजिक न्याय विभाग को 22 हजार 658 करोड रुपए के फंड की मंजूरी दी गई, जिसमें लाडली बहन और अन्य योजनाओं को मिलाकर अतिरिक्त फंड मिलकर इसे 29 हजार 932 करोड़ रुपए कर दिया गया। आंकड़ों के अनुसार इस साल 7 हजार 314 करोड़ की कमी सामाजिक न्याय विभाग के बजट में देखने को मिली है।

अपने विभाग के बजट में कटौती पर शिरसाट की चुप्पी: लगातार दूसरे महीने सामाजिक न्याय विभाग के बजट से हुई कटौती पर मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि मैंने पिछली बार बजट कटौती को लेकर अपनी राय रखी, अब मैं इस पर कुछ नहीं बोलना चाहता। वहीं आदिवासी मंत्री अशोक उईके नाराज तो हैं लेकिन खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। वहीं वित्त मंत्री अजित पवार ने लाडली बहन योजना के लिए दूसरे विभागों के बजट से की जा रही कटौती पर कहा कि किसी भी विभाग से बजट की कटौती करना मुख्यमंत्री का अधिकार होता है और वह इस संबंध में अपनी भूमिका जाहिर कर चुके हैं। इसलिए इस पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि राज्य सरकार इस लाडली बहन योजना के तहत कुल 11 किस्तें राज्य की महिलाओं को दे चुकी है, जिसके अंतर्गत करीब 43 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।


Created On :   6 Jun 2025 7:57 PM IST

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