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बॉम्बे हाई कोर्ट: बीजेपी विधायक अवताडे को मिली राहत, अतिक्रमण हटाने के लिए सुरक्षा बल मुहैया कराने का निर्देश

- अदालत ने अवताडे के विधानसभा चुनाव जीतने के खिलाफ दायर याचिका को किया खारिज
- मुंबई पुलिस आयुक्त को फुटपाथों पर अतिक्रमण हटाने के लिए बीएमसी को सुरक्षा बल मुहैया करने का दिया निर्देश
Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट से पंढरपुर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक समाधान महादेव अवताडे को राहत मिली है। अदालत ने उनके विधानसभा चुनाव जीतने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद गुट के उम्मीदवार अनिल सुभाष सावंत ने अपनी याचिका में अवताडे के विधानसभा चुनाव धांधली से जीतने का आरोप लगाया था और अदालत से उसे रद्द करने का अनुरोध किया था। 20 नवंबर 2024 को हुए विधानसभा का चुनाव में अवताडे ने 8430 वोटों के अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार भरत भालके से चुनाव जीता था। याचिकाकर्ता अनिल सावंत तीसरे स्थान पर थे। न्यायमूर्ति मिलिंद जाधव की एकल पीठ ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि ईवीएम समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। इससे मतदाताओं का विश्वास और भागीदारी बढ़ी है। उनकी विश्वसनीयता को कल्पना से कम नहीं किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट की आवाज पर नजर रखना, उनका भंडारण, गिनती की प्रक्रिया आदि विवरण इतने विस्तृत हैं कि कथित चुनाव याचिका के आधार पर लगाए गए आरोप कहीं भी इसके आस-पास भी नहीं ठहरते हैं, न ही कोई भौतिक तथ्य दिया गया है। याचिका में दावा किया गया कि चुनाव से चार महीने पहले मतदाता सूची में मतदाताओं की संख्या में अचानक वृद्धि हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप मतदाताओं के पंजीकरण और मतदाता सूची तैयार करने में हेराफेरी हुई। मतदाता पर्चियां गरीब तबके और अल्पसंख्यक आबादी वाले इलाकों में वितरित नहीं की गईं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस आयुक्त को फुटपाथों पर अतिक्रमण हटाने के लिए बीएमसी को सुरक्षा बल मुहैया करने का दिया निर्देश
बॉम्बे हाई कोर्ट ने फुटपाथों पर हुए अतिक्रमण को लेकर कड़ा रूख अपनाया है। अदालत ने मुंबई पुलिस आयुक्त को फुटपाथों पर अतिक्रमण हटाने के लिए मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को सुरक्षा बल मुहैया करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि बीएमसी और पुलिस विभाग के अधिकारी द्वारा योजना के अनुसार फुटपाथों पर अतिक्रमण के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए। 12 अगस्त को मामले की अगली सुनवाई रखी गई है। न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी और न्यायमूर्ति आरिफ एस. डॉक्टर की पीठ के समक्ष पवई की दो हाउसिंग सोसायटियों के परिसर के बाहर फुटपाथों पर अतिक्रमणों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान पीठ ने कहा कि हम ने 7 जुलाई 2025 को फुटपाथ पर अतिक्रमणों से संबंधित एक विस्तृत आदेश पारित किया था। याचिका का दायरा फुटपाथ पर हुए अतिक्रमणों से संबंधित है और यह किसी भी भूमि या अन्य अतिक्रमणों को किसी भी तरह से प्रभावित नहीं करता है।ऐसे अतिक्रमणों को कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए हटाया जाना आवश्यक है। पीठ ने कहा कि हम मुंबई पुलिस आयुक्त को निर्देश देते हैं कि वे फुटपाथों पर अतिक्रमणों के आस-पास के क्षेत्रों की घेराबंदी करने के लिए उचित सुरक्षा उपाय प्रदान करें। यदि आवश्यक हो तो अतिरिक्त बल तैनात करें, जिससे फुटपाथ पर हुए अतिक्रमणों को हटाया जा सके। पुलिस आयुक्त अतिक्रमण हटाने के लिए बीएमसी आयुक्त के परामर्श से व्यक्तिगत रूप से इन मुद्दों पर विचार करेंगे। इसकी रिकॉर्ड में प्रस्तुत की जाए। हम यह भी निर्देश देते हैं कि बीएमसी वैध कार्रवाई कर रहा है। वह किसी भी तरह से अतिरिक्त कानूनी हस्तक्षेप से विचलित नहीं होगा, जब तक कि वह कानून के अनुसार न हो और ऐसे व्यक्ति या अधिकारी के पास हस्तक्षेप करने का वैध अधिकार न हो। यदि ऐसा कोई हस्तक्षेप होता है, तो इसकी सूचना न्यायालय को दी जाए, जिससे ऐसे व्यक्ति को प्रतिवादी पक्ष के रूप में शामिल किया जा सके। पीठ ने कहा कि हम एक चेतावनी देते हैं कि यह न्यायालय इस मामले पर विचार कर रहा है। इसलिए कोई भी सिविल न्यायालय किसी भी अतिक्रमणकारी द्वारा दायर किए गए सिविल मुकदमे की कार्यवाही पर विचार नहीं करेगा और ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करेगा, जो वर्तमान कार्यवाही को विफल कर देगा। याचिका में आरोप लगाया कि उनके परिसर के बाहर फुटपाथ पर अस्थायी अतिक्रमण किया गया है, जिनका उपयोग आवासीय और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। पीठ ने बीएमसी को फुटपाथ पर अतिक्रमण हटाने के लिए एक अतिरिक्त आयुक्त और दो वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बना कर शहर के सभी फुटपाथों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था।
Created On :   22 July 2025 10:25 PM IST