- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- स्वास्थ्य विभाग में 56 करोड़ के...
Mumbai News: स्वास्थ्य विभाग में 56 करोड़ के घोटाले के आरोप!, सीडीएससीओ के नियमों का उल्लंघन

- स्वास्थ विभाग सचिव ने दिये जांच के आदेश
- सीडीएससीओ के नियमों का उल्लंघन
Mumbai News. महाराष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए जारी 56 करोड़ रुपये के टेंडर में बड़ी अनियमितताएं सामने आई है। आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और सामग्रियों की खरीद में यह कथित घोटाला केवल वित्तीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य में मरीजों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ भी खिलवाड़ है। टेंडर में इस गड़बड़ी ने सरकारी खरीद में पारदर्शिता पर भी बड़ा सवालिया खड़ा कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव वीरेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं। मुख्य कार्यकारी अधिकारी (महाराष्ट्र चिकित्सा सामान खरीद प्राधिकरण) को जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग के टेंडर में सेल काउंटर, माइक्रोस्कोप, लैब ऑटोक्लेव, हीमोग्लोबिन मीटर, हीमोग्लोबिन स्ट्रिप्स, लिथोटॉमी टेबल और लैंप जैसे आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की खरीद का प्रस्ताव था। इस टेंडर में कुल 5 कंपनियों ने भाग लिया, जिनमें से केवल 2 बोलीदाताओं का चयन किया गया। सबसे चिंताजनक बात यह है कि चयनित दोनों बोलीदाता एक ही निर्माता द्वारा अधिकृत हैं। यह भारतीय प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 3 डी और निविदा नियम (हितों का टकराव) का सीधा उल्लंघन है। एक ही निर्माता से एक ही उत्पाद की आपूर्ति के लिए तीन वितरकों को अधिकृत करने से मूल्य निर्धारण और तकनीकी मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितताएं देखने को मिली है। चयनित दोनों बोलीदाताओं ने 28 करोड़ रुपये के काम को पूरा करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज जैसे कार्य अनुभव, ग्राहक प्रशंसापत्र और आधिकारिक निविदा दस्तावेज संलग्न नहीं किए। इसके अलावा, ऑटोक्लेव और माइक्रोस्कोप जैसे चिकित्सा उपकरणों के लिए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत नहीं किया गया। जबकि यह प्रमाणपत्र पेश करना मानक केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग की खरीद नीति के अनुसार बहुत जरूरी होता है। आरोप है कि तकनीकी मूल्यांकन समिति ने इन अपर्याप्त दस्तावेजों के बावजूद निविदाकर्ताओं को योग्य मान कर गंभीर अनियमितताएं की हैं।
इससे सरकार को हुआ नुकसान
इस टेंडर की अनुमानित राशि 55,99,92,192 रुपए थी। हैरानी की बात यह है कि सबसे कम कीमत 55,99,88250 रुपए तथा दूसरी सबसे कम कीमत 56,75,33507 रुपए का टेंडर भरने वाले को टेंडर मिला है। टेंडर प्रक्रिया में शामिल अन्य कंपनियों ने आरोप लगाया है कि खरीद प्रक्रिया बाजार दर से करीब दो से ढाई गुना अधिक दर पर की गई। स्वास्थ्य विभाग के सचिव वीरेंद्र सिंह ने मामले को लेकर महाराष्ट्र चिकित्सा सामान खरीद प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को जांच कर जल्द से जल्द रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
Created On :   5 Jun 2025 10:19 PM IST