- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- मुंबई
- /
- एआई टूल्स के जरिए किसी की आवाज...
बॉम्बे हाई कोर्ट: एआई टूल्स के जरिए किसी की आवाज बदलना या कॉपी करना व्यक्तित्व और पहचान पर आघात

- पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षा मामले में सुनवाई
- बॉम्बे हाई कोर्ट से आशा भोसले को राहत
Mumbai News. पार्श्व गायिका आशा भोसले की पर्सनैलिटी राइट्स सुरक्षा याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि अब बिना आशा भोसले की अनुमति के कोई भी कंपनी, प्लेटफॉर्म या एआई टूल उनके नाम, तस्वीर, आवाज और पहचान का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। आशा भोसले ने अदालत में याचिका दायर कर मांग की थी कि एआई कंपनी मायक, ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन और फ्लिप कार्ट, सर्च इंजन गूगल और एक स्वतंत्र कलाकार उनके नाम और आवाज का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं जिनसे उनके पर्सनैलिटी अधिकार की रक्षा की जाए। इस मामले में कोर्ट ने माना कि एआई टूल्स के जरिए किसी की आवाज को बदलना या कॉपी करना, उनके व्यक्तित्व और पहचान पर आघात है और यह सीधा पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन है।
पर्सनैलिटी राइट्स व्यक्ति की निजता और पहचान की रक्षा से जुड़े अधिकार हैं। जिनमें मुख्य रूप से प्रचार का अधिकार (बिना अनुमति किसी की पहचान का व्यावसायिक इस्तेमाल रोकना) और निजता का अधिकार (किसी की पहचान को उसकी मर्जी के बिना सार्वजनिक न करना) शामिल है। देश में इनके लिए अलग से कोई कानून नहीं है लेकिन संविधान के अनुच्छेद 21, कॉपीराइट अधिनियम 1957 और ट्रेडमार्क अधिनियम 1999 के जरिए सुरक्षा दी जाती है ताकि नामी हस्तियों के नाम, तस्वीर, आवाज और हस्ताक्षर का गलत इस्तेमाल रोका जा सके। इसके पहले बॉलीवुड और संगीत जगत के कई कलाकारों ने कोर्ट ले सुरक्षा मांगने याचिका दायर कर चुके हैं।
Created On :   3 Oct 2025 7:19 PM IST