मुंबई के मुसलमान छेड़ेंगे सऊदी के सुल्तान के खिलाफ विश्व व्यापी आंदोलन, मक्का-मदीना में यहूदियों और ईसाइयों को प्रवेश से नाराजगी

मुंबई के मुसलमान छेड़ेंगे सऊदी के सुल्तान के खिलाफ विश्व व्यापी आंदोलन, मक्का-मदीना में यहूदियों और ईसाइयों को प्रवेश से नाराजगी
  • मुंबई के मुसलमान छेड़ेंगे सऊदी के सुल्तान के खिलाफ आंदोलन
  • मक्का-मदीना में यहूदियों और ईसाइयों को प्रवेश से नाराजगी
  • वापस लें फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई, मोफीद खान। मुसलमानों के पवित्र स्थल मक्का और मदीना शरीफ में यहूदियों और ईसाइयों को दिए गए प्रवेश से मुंबई सहित देशभर के मुसलमान नाराज हो गए हैं। इनका आरोप है कि सऊदी के सुल्तान किंग सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने यहूदियों और ईसाइयों को मक्का और मदीना शरीफ में जाने की अनुमति देकर पवित्र स्थलों का अनादर किया है। इसे लेकर अब मुंबई के मुसलमानों ने सुल्तान के खिलाफ विश्वव्यापी विरोध छेड़ने की चेतावनी दी है। इस आशय का पत्र भी रजा अकादमी ने सुल्तान को भेजा है।

सऊदी अरब के किंग को लिखे अपने पत्र में रजा अकादमी ने कहा है कि मुसलमानों के पवित्र स्थल में यहूदियों और ईसाइयों को प्रवेश देने की अनुमति की खबर कई समाचार पत्रों से मिली है, जो काफी पीड़ादायक है। अपने पत्र में संस्थान के संस्थापक महासचिव सईद नूरी ने कहा कि 1400 सालों में मक्का में जो आज तक नहीं हुआ, वह इस नए सुल्तान की वजह से हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सुल्तान ने इन पवित्र स्थलों पर दूसरे धर्मों के प्रवेश वर्जित बोर्ड को भी हटा दिया है, जो इनके पूर्वजों ने लगाए थे। रजा अकादमी ने सुल्तान को लिखे अपने पत्र में यह भी आरोप लगाया है कि खुद को आधुनिक और धर्मनिरपेक्ष के रूप में पेश करने की कोशिश में उन्होंने जानबूझकर इस पवित्र स्थल का अपमान किया है। इसलिए सुल्तान को इन पवित्र मस्जिदों का संरक्षक कहलाना बंद कर देना चाहिए।

क्या आपको हदीस याद नहीं दिलाई!

इस पत्र के जरिए रजा अकादमी ने सुल्तान से यह भी सवाल पूछा है कि इस तरह का फैसला लेने से पहले क्या किसी धार्मिक विद्वान ने आपको हदीस के कानून के बारे में याद नहीं दिलाया? हदीस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यहूदियों और ईसाइयों को इन पवित्र भूमि से दूर रखें। इसके बाद भी आपने रब द्वारा निर्धारित सभी नियमों की अवहेलना करना चुना। फिर आपको भूमि का संरक्षक क्यों कहा जाना चाहिए ?

पत्र के जरिए सुल्तान को यह भी याद दिलाया गया कि इस दुनिया में हर धर्म का अपना पवित्र स्थान है, जहां वे किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को प्रवेश करने या जाने की अनुमति नहीं देते हैं। लेकिन यह चौंकाने वाला और आश्चर्यजनक है कि आपने इस्लाम के सबसे पवित्र शहरों में इस तरह के कृत्य की अनुमति कैसे दी?

वापस लें फैसला

पत्र में इस बात की भी मांग की गई है कि पवित्र स्थल में दूसरे धर्मों के लोगों को दी गई प्रवेश करने की अनुमति के आदेश को सुल्तान तुरंत रद्द करें। अगर वे इसे रद्द नहीं करते हैं, तो वे इस घिनौनी हरकत पर सुल्तान के खिलाफ विश्वव्यापी विरोध आंदोलन छेड़ेंगे।

Created On :   31 May 2023 9:18 PM IST

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